Ranchi: रांची सिविल कोर्ट में दो वकीलों के बीच हुए घमासान के बाद आरडीबीए ने कड़ी कार्रवाई की है. लेकिन आरडीबीए द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता दबी जुबान से सवाल उठा रहे हैं. बार द्वारा एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव रंजन खत्री की सदस्यता 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया है. इस निलंबन की सूचना झारखंड स्टेट बार कौंसिल को दे दी गई है. एसोसिएशन के लेटर हेड पर महासचिव कुंदन प्रकाशन के नाम से यह आदेश जारी किया गया है.
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अधिवक्ता पवन खत्री ने इस पूरी कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए कहा कि बिना किसी नोटिस के उनकी सदस्यता 3 महीने के लिए निलंबित करने का निर्णय ले लिया गया है. यह मॉडल रूल की अवहेलना है. वही मारपीट की घटनाक्रम के बाद मैंने भी बार को एक आवेदन दिया था. जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना यह बताता है कि बार में बैठे हुए पदाधिकारी वैसे वकीलों से प्रतिशोध लेना चाहते हैं जो अधिवक्ता हित की बात करते हैं. इस कार्रवाई के जरिए मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन मैं वकीलों की लड़ाई और फिजिकल कोर्ट की मांग से पीछे नहीं हटूंगा.
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आपस में उलझे अधिवक्ता
बता दें कि बुधवार को रांची सिविल कोर्ट के दो अधिवक्ता पवन खत्री और अमर कुमार सिन्हा किसी बात को लेकर आपस में उलझ गए. मामूली कहासुनी से शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते पहले गाली गलौज तक पहुंचा. उसके बाद दोनों अधिवक्ता आपस में उलझ गए. विवाद इतना बढ़ गया की वकीलों ने आपस में मारपीट शुरू कर दी और एकदूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए लात घूंसे और थप्पड़ बरसाने लगे. पवन रंजन खत्री रांची जिला बार एसोसिएशन के प्रशाशनिक सचिव हैं. जबकि अधिवक्ता अमर कुमार सिन्हा के जिम्मे आरडीबीए की ट्रेजरी के देखरेख का काम है. लेकिन एक ही कमेटी के चुने हुए दोनों अधिवक्ता आपस में मारपीट पर उतारू हो गए.
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