Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट से मधुकम के 38 दुकानदारों को राहत मिली है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा है कि इन दुकानों को खाली करने का आदेश जारी करने से पहले रांची नगर निगम ने दुकानदारों का पक्ष नहीं सुना है. निगम दुकानदारों का पक्ष सुनने के बाद निर्णय ले. इसके साथ ही अदालत ने एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया. एकल पीठ ने निगम के आदेश को सही ठहराया था.
38 दुकानदारों की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी
इस संबंध में अजय चौधरी सहित 38 दुकानदारों की ओर से हाईकोर्ट में अपील दाखिल की गई थी. सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि रांची नगर निगम की ओर से सारी प्रक्रिया पूरी करने बाद ही वर्ष 2019 में 38 लोगों को दुकानें आवंटित की गई थीं. लेकिन बाद में रांची नगर निगम ने सभी आवंटन को रद्द कर दिया और दुकान खाली करने का आदेश पारित कर दिया. जबकि नगर निगम ने दुकानदारों को किसी प्रकार की सुनवाई का मौका नहीं दिया और न ही कोई स्पष्ट आदेश पारित किया था. एकल पीठ ने प्रार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके खिलाफ अपील दाखिल की गई है. इस पर अदालत ने माना कि दुकानदारों को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया है. ऐसे में एकल पीठ का आदेश सही नहीं है. इसे खारिज किया जाता है. अदालत ने नगर निगम को इस मामले में किसी कार्रवाई से पूर्व विस्तृत सुनवाई करते हुए निर्णय पारित करने का निर्देश दिया है.
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