Pravin kumar
Ranchi: जल संसाधन विभाग ने टाटा स्टील को जो नोटिस भेजा था उसका जवाब एक महीने बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है. बता दें कि टाटा स्टील कंपनी पर आरोप है कति चांडिल डैम का पानी अवैध रूप से दूसरे कंपनियों को बेचा है. इसको लेकर विभाग ने 31 मई को नोटिस भेजा दिया था. विभाग ने टाटा कंपनी के अलावे अन्य 15 कंपनियों को भेजा था. नोटिस मे स्वर्णरेखा नदी का पानी बिना अनुमति के उपयोग किये जाने को लेकर कंपनी प्रंबधन को दस्तावेज के साथ जवाब देने को कहा था. लेकिन विभाग की ओर से भेजे गये नोटिस का एक माह गुजर जाने के बाद भी विभाग को अभीतक जवाब नहीं मिला.
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दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी
अब जल संसाधन विभाग दोबारा नोटिस भेजे जाने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि टाटा कंपनी को चांडिल डैम के Down Stream (डैम से बहाव की ओर) से 124.45 एमसीएम प्रतिवर्ष पानी लेने की स्वीकृति दी गई थी. जिसे 30 मई 2013 के प्रभाव से इसकी मात्रा बढ़ाकर 228.86 MCM प्रतिवर्ष कर दिया गया था.
1398 करोड़ 16 लाख रूपये डकारने का आरोप
चांडिल डैम का पानी किसानों को मिले या ना मिले, लेकिन कई कंपनियां इस पानी से फील गुड महसूस कर रही है. कंपनियों के फील गुड का मामला वर्तमान सरकार ही नहीं पूर्व की सरकारों में भी रहा है. कंपनियों के द्वारा जल कर का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इन बकायेदारों की सूची में पहला नाम टाटा स्टील लिमिटेड का है. अप्रैल 2022 तक जलकर के रूप में 963 करोड़ 19 लाख 59 हजार बकाया है. विभिन्न कंपनियों से जल कर के रूप में सरकार की लेनदारी 1358 करोड़ 16 लाख की है. यह बकाया जल संसाधन विभाग झारखंड सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष के बजट 1093.80 करोड़ से भी अधिक है.
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31 मई को भेजा गया था नोटिस
31 मई को स्वर्णरेखा परियोजना के चांडिल डैम 2 के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार ने टाटा स्टील को अवैध रूप से पानी बिक्री करने के मामले में नोटिस भेजा था. कार्यपालक अभियंता के नोटिस में कंपनी प्रबंधन से 15 दिन में जवाब देने के निर्देश दिए गए थे. टाटा स्टील को भेजे गये नोटिस में पूछा गया था बिना सरकार की अनुमति को आप दूसरे कंपनी को पानी नहीं बेच सकते. वहीं 15 अन्य कंपनीयों को भेजे गये नोटिस में पूछा गया था कि आप पानी कैसे और क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं.
क्या कहते हैं जल संसाधन विभाग के सचिव ?
जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने कहा कि सरकार चांडिल डैम का पानी स्वर्णरेखा नदी से लेकर बेचे जाने के मामले में काफी गंभीर है. चांडिल डैम का पानी टाटा स्टील दूसरी कंपनियों को नहीं भेज सकती है. 16 कंपनियों को नोटिस भेजा गया था जिसका जवाब विभाग को नही मिला है. उन कंपनियों को दोबारा नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद भी जवाब नहीं मिलने पर विभाग के स्तर से कार्रवाइ की जायेगी. टाटा स्टील का जलकर पेमेंट से जुड़ा एक मामला न्यायालय में भी लंबिल है, इसमें विभाग की ओर से आइए (हस्तक्षेप याचिका) दायर किया जाना है.