Ranchi : पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र रांची नगर निकाय चुनाव में एसटी आरक्षित सीट को हटाकर एससी सीट करने का आदिवासी सामाजिक संगठनों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है. इसी के तहत कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर बंधु तिर्की ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर समस्त आदिवासी संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें अपनी भावना से अवगत कराएंगे.
एकता को छिन्न-भिन्न करने का षड्यंत्र
बंधु तिर्की ने कहा कि रांची नगर निगम के मेयर के एकल पद को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करना आदिवासी, दलित, पिछड़ों की एकता को छिन्न-भिन्न करने का षड्यंत्र है. यह जानते हुए भी कि रांची आदिवासी बहुल जिला है जो पांचवीं अनुसूचित जिलों में से एक है. राज्य के नौकरशाही द्वारा जानबूझकर इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया, ताकि आदिवासियों और दलितों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काया जा सके. रांची शहरी क्षेत्र की लगभग 15 लाख 11 हजार की आबादी में भी अनुसूचित जनजातियों की संख्या अनुसूचित जाति समुदाय से अधिक है. फिर किस आधार पर इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है. निश्चित रूप से यहां के आदिवासी मूल निवासियों को विभाजित करने का राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है और नौकरशाहों ने राज्य सरकार को गुमराह किया है.
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रोस्टर नियमावली की त्रुटियों को करें दूर
नगर निगम, नगर परिषद नगर पंचायत सहित विभिन्न वार्डों में आदिवासी, दलित, पिछड़ों के सम्मानजनक प्रतिनिधित्व का समर्थन करते हैं, ताकि सभी की समुचित भागीदारी सुनिश्चित हो और शहर के विकास में सभी का योगदान हो. हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं. नगर निगम, नगर पंचायत चुनाव को लेकर जारी पदों के आरक्षण रोस्टर नियमावली की त्रुटियों को दूर करें.
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