LagatarDesk : आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक आज से शुरू होगी. यह बैठक मंगलवार यानी 8 फरवरी से शुरू होगी. जो 10 फरवरी तक चलेगा. आरबीआई के गवर्नर 10 फरवरी को बैठक में लिये गये फैसले की घोषणा करेंगे.
बजट पेश होने के बाद एमपीसी की पहली बैठक
बजट पेश होने के बाद रिजर्व बैंक की एमपीसी की यह पहली बैठक है. इसलिए यह बैठक काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पहले ये बैठक 7 फरवरी से शुरू होनी थी. लेकिन भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन के कारण सरकार ने दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया था. जिसके कारण बैठक आज से शुरू हो रही है.
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नीतिगत ब्याज दरों पर होगा फैसला
एमपीसी बैठक में रिजर्व बैंक रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट पर फैसला लेगा. माना जा रहा है कि मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को देखते हुए आरबीआई इस बार प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. अगर ऐसा हुआ तो लगातार दसवीं बार पॉलिसी रेट्स यथावत रहेंगे.
महंगाई को नियंत्रित करने में पॉलिसी रेट्स की अहम भूमिका
बता दें कि देश में महंगाई को नियंत्रित करने में इन नीतिगत ब्याज दरों की अहम भूमिका होती है. इससे आरबीआई को देश में करेंसी सर्कुलेशन पर नजर रखने में मदद मिलती है. फिलहाल सेंट्रल बैंक के ऊपर बढ़ती महंगाई को काबू करने का दबाव है. दूसरी ओर इकोनॉमी को सहारा देने के लिए ब्याज दर को सस्ता बनाये रखने की भी जरूरत है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि रिजर्व बैंक इस बैठक में भी ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा. हालांकि रिवर्स रेपो रेट में बदलाव और पॉलिसी स्टान्स को एकमोडेटिव से न्यूट्रल किये जाने का भी अनुमान है.
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करीब डेढ़ साल से पॉलिसी दरों में नहीं किया गया बदलाव
बता दें कि 8 दिसंबर को बढ़ती महंगाई और ओमिक्रोन के खतरे के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीतियों की घोषणा की थी. आरबीआई ने उस समय पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. यह लगातार 9वीं बार था जब आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. फिलहाल रेपो रेट 4 फीसदी पर है. वहीं रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 फीसदी है. अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए रिजर्व बैंक ने अपना अकोमोडेटिव (उदार) रुख अपनाया. इसलिए करीब डेढ़ साल से भी अधिक समय से ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है.
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