Ranchi: कोरोना की पहली लहर में गांव जहां महफूज रहे वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने गांवों को भी अपनी चपेट में ले लिया है. कोरोना जांच की रफ्तार धीमी होने की वजह से इन इलाकों में हुई मौत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हो रहे हैं. रांची के रातू प्रखंड स्थित के हुरहुरी और फेटा गांव में एक माह के अंदर 11 लोगों की मौत हो गई. मृतकों में कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण देखे गए. अधिकांश लोग सर्दी-खांसी और बुखार से पीड़ित हैं. लोग कोविड गाइडलाइन का पालन संजीदगी से नहीं करते हैं इसका असर भी दिख रहा है.
पंचायत के फेटा गांव में हुई मौत और लक्षण
- बुधवा उरांव 45 साल- खासी, बुखार
- गोपाल महतो 70 साल- सांस लेने में परेशानी
- रविदास गोप 45 साल- सांस लेने में परेशानी
- सीता देवी 70 साल- बीपी की शिकायत
- गुडिया कुमारी 23 साल- दो सालों से बीमार थीं
- जयपाल महतो उम्र 70 साल- लकवा ग्रस्त,बुखार
हुरहुरी गांव
- बुटली उराईन 60 साल- कैंसर
- चांगो देवी 55 साल- नस में दिक्कत
- जोहरा खातून 49 साल- लाकवा से ग्रसित व बुखार
- रियासत अंसारी 65 साल- शुगर
- सब्बा प्रवीण 20 साल- गर्भवती, बुखार
- रबिल अंसारी 70 साल- गैस्टिक की शिकायत
- पूजा कुमारी 15 साल- फेफड़े में संक्रमण
पंचायत में 15 दिन पहले लगभग हर दूसरे घर में लोग खांसी,बुखार जैसी समस्याओं का सामना कर रहे थे. खांसी,बुखार देखने के लिए भी प्रखंड के अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं. ऐसे में यहां के गरीब लोग खुद को भगवान भरोसे मानकर अपना इलाज खुद कर रहे हैं. जिन घरों में लोग बीमार हैं, गांव के लोगों ने उनके घरों में आना-जाना भी छोड़ दिया है. कोरोना संक्रमण को लेकर गांव में जगरूकता की कमी देखी जा रही है.
कोरोना काल में एएनएम भी नहीं आईं
रांची से सटे हुरहुरी पंचायत की करीब 8000 से अधिक जनसंख्या है. एक महीने में जहां पंचायत में 11 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं अब भी 100 से ज्यादा लोग बीमार हैं. लोगों में कोरोना संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण दिख रहे हैं.