Ranchi: वायु प्रदूषण का स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव और इसे रोकने के उपाय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया. थीम हेल्थ मैटर्स एयर पॉल्यूशन एंड इट्स इम्पैक्ट में नगर निगम के प्रतिनिधि, हेल्थ एक्सपर्ट, वार्ड पार्षद, शोधकर्ता, शिक्षाविद और समाज के लोग शामिल हुए. आयोजन नगर निगम, असर ने संयुक्त रूप से किया. जबकि सह प्रायोजक रांची प्रेस क्लब, झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ, ट्राइबल मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन थे.

सामूहिक रणनीति बना कर काम करने से वायू प्रदूषण पर लगेगी लगाम
मेयर डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि वायु प्रदूषण किसी एक शहर या राज्य की नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की समस्या है. इसके प्रभावी समाधानों की तलाश के लिए सामूहिक रणनीति और कार्ययोजना की जरूरत है.
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वायु प्रदूषण को कम करने के समाधान पर चर्चा
कांफ्रेंस में शामिल प्रख्यात विशेषज्ञों ने मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के समाधानों पर चर्चा की. इनमें स्वास्थ्य सलाह जारी करना, विशिष्ट इलाज़ के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र को तैयार करना, उत्सर्जन के स्थानीय स्रोतों की सूची बनाना, वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान बताना जैसे समाधान शामिल थे.
रांची नगर निगम वायु प्रदूषण कम करने के लिए सक्रिय
रिकॉर्डेड वीडियो संदेश में नगर आयुक्त शशि रंजन ने कहा कि पहले से ही निगम वायु प्रदूषण कम करने को महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दे के रूप में प्राथमिकता दे चुका है, और हम सक्रिय होकर अभिनव स्वच्छ समाधानों को अपना रहे हैं.
बिना देर किए वायु प्रदूषण से निपटने की तैयारी
डॉ. गुफरान बेग पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार के स्वायत्त संस्थान भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान में सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) कार्यक्रम के संस्थापक निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि अब और ज्यादा देरी किए बिना प्रदूषण से निपटने की योजनाएं बनाने में हमें वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग करना चाहिए. जोखिम कम करने और सुरक्षात्मक उपायों के लिए स्वास्थ्य सलाह जारी करना चाहिए. वहीं टेक्निकल ऑफिसर विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजीत सलूजा ने कहा वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए सबसे गंभीर पर्यावरणीय खतरों में से एक है.
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ये रहे मुख्य वक्ता
ज्योति सिंह, सहायक नगर आयुक्त, डॉ. शंभु प्रसाद, अध्यक्ष आईएमए, झारखंड, डॉ. मृत्युंजय ठाकुर, सचिव-झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ, पोलाश मुखर्जी, लीड-नेशनल रिसोर्स डिफेंस काउंसिल, तनुश्री भट्टाचार्य, सहायक प्रोफेसर- बीआईटी, तनुश्री गांगुली, प्रोग्राम लीड- सीईईडब्ल्यू, डॉ अत्रि गंगोपाध्याय, गवर्नर-चेस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया, डॉ. नीतीश प्रियदर्शी, पर्यावरणविद् और अन्य लोगों ने विचार रखे.

