Lagatar Desk
लगभग पिछले दो सालों से कोरोना से लोग काफी प्रभावित हुए है. कोरोना से बचाव के एक मात्र उपाय कोरोना वैक्सीन है. जिसे ध्यान में रखते हुए देश में वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है. पूरे देश में 75 करोड़ लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. जबकि इस साल के अंत तक सभी युवाओं को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है. इस बीच देश की चिंता बढ़ाने वाली एक खबर सामने आयी है. एक स्टडी में पाया गया है कि वैक्सीन लेने के दो माह के बाद लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज घटने लगती है.
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दो से तीन माह के बाद एंटीबॉडीज घटने लगती है
यह स्टडी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के भुवनेश्वर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (RMRC) ने की है. जिसमें यह खुलासा हुआ है कि कोवैक्सीन लेने वाले लोगों के शरीर से दो माह के बाद एंटीबॉडीज का स्तर कम हो जाता है, जबकि कोविशील्ड लगवाने वालों में 3 माह के बाद एंटीबॉडीज घटती है. बताया जा रहा है कि इस स्टडी में 614 लोगों को शामिल किया गया था. सभी लोगों में 6 माह तक स्टडी की गयी. जिसमें पाया गया कि जिन्होंने कोवैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं, उनमें दो महीने के बाद एंटीबॉडीज कम होने लगीं. जबकि कोविशील्ड लेने वाले लोगों में तीन महीनों के बाद एंटीबॉडीज घटने लगीं.
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हेल्थ केयर वर्कर्स को 24 हफ्तों तक फॉलो किया गया
मिली जानकारी के अनुसार इस स्टडी में हेल्थ केयर वर्कर्स को 24 हफ्तों तक फॉलो किया गया. उनमें क्या कुछ बदलाव आये देखा गया. यह स्टडी मार्च 2021 में शुरू की गई थी. रिसर्च में शामिल लोगों पर लगातार नजर रखी गयी. तो पाया गया कि आठ हफ्तों में इसमें गिरावट देखी गयी .
डॉक्टर भट्टाचार्य ने कहा कि बूस्टर शॉट की जरूरत होगी या नहीं, इस बात का पता करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाण की जरूरत है. उन्हें लगता है कि इस स्टडी की आगे की प्रक्रिया ऐसे सबूत जुटाने में मदद करेगी. उन्होंने बताया कि भारत में इस तरह की यह पहली स्टडी है.
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