Ranchi : झारखंड में जमीन से जुड़े विवाद अक्सर देखने को मिलते रहते हैं. जमीन विवादों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार के स्तर पर डिजिटलाइजेशन समेत कई कार्य किये जा रहे हैं. इसके बावजूद जमीन से जुड़े विवाद अक्सर सामने आते रहते हैं. जमीन खरीद-बिक्री में रजिस्ट्री के बाद दाखिल खारिज को सबसे महत्वपूर्ण प्रकिया मानी-जाती है. दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन का तात्पर्य यह होता है कि जमीन का स्वामित्व उस व्यक्ति के पास है, जिसके नाम से दाखिल खारिज की गयी है. राज्य सरकार ने इसे सेवा के अधिकार की श्रेणी में भी रखा है. बावजूद इसके झारखंड में दाखिल खारिज के हजारों मामले विभिन्न अंचलों में लंबित हैं. सेवा का अधिकार अधिनयम के तहत आपत्ति रहित दाखिल खारिज के मामलों का निष्पादन तीस दिनों के भीतर और आपत्ति सहित मामलों का निष्पादन 90 दिनों के भीतर कर दिये जाने का प्रावधान है. राजस्व सचिव एल ख्यांग्ते ने पिछले कुछ दिनों पहले म्यूटेशन समेत कई अन्य बिन्दुओं पर विभागीय अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की थी. बैठक में यह बात प्रकाश में आयी विभिन्न जिलों के कई अंचलों में कुल 43,005 मामले लंबित हैं.
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सभी डीसी और एसी को भेजा कड़ा पत्र
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्व सचिव ने इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्त और अपर समाहर्ता को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि दाखिल खारिज के लंबित मामलों की मॉनिटरिंग समय-समय पर करें. जिन अंचलों में ज्यादा मामले लंबित हैं, उन अंचलों से स्पष्टीकरण मांगा जाये. यदि अंचलाधिकारियों की ओर से संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा मुख्यालय से करें. राजस्व सचिव ने यह भी कहा है कि ऐसा नहीं करने पर राज्य सरकार की ओर से उनके खिलाफ भी अग्रेतर कार्रवाई की जा सकती है.
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मुख्यमंत्री हेमंत के पास भी पहुंची थीं शिकायतें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास भी म्यूटेशन के लंबित मामलों को लेकर कई शिकायतें पहुंची थी. लोगों का कहना है कि सेवा के अधिकार की श्रेणी में आने के बावजूद दाखिल-खारिज का काम समय पर नहीं होता है. इससे आम लोगों को परेशानी झेलना पड़ता है. लोग अंचलों का चक्कर लगाते रहते हैं. इसपर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से बात की थी. बाद में मुख्य सचिव ने इस विषय पर राजस्व सचिव से मंत्रणा की थी.
Mutation hone ka aik mukhy Karan hai awaidh registree kyonki zamin Dalal awaidh registree krakr mutation k liye circle officer per Davao banate hain zamin malik asal KitKat Ko jab pata chala hai to aapatti kat k mutation reject karate hain to Dalal is k liye LRDC office me APEEL karte hain aur without zamin malik k koi suchna k LRDC mutation ka order pass kr dete hain Jise bhumalik kisi bhi halat me swikaar nahin karenge aur apni zamin me kisi dusre Ko chadne nahin denge is k liye dates partham registree office me awaidh registree Ko rokna hoga registrar without enquiry k registree deed Bana dete hain .
Jab k registree document me panchayat k mukhya ke dowara satuapit wanshawali hona aawashyak hai .
Jharkhand ka eklauta district Ranchi hai Kahan pet LPC nahin manga jata hai.
SARKAR KO IS KO GAMBHIRTA SE LENA CHIYE .
AUR AWAIDH REGISTREE KO REJECT KARANE K LIYE SIMPLE NIYUM BANANA CHAHIYE.