– न्यू ट्रामा सेंटर में नहीं शिफ्ट होगी इमरजेंसी
– रिम्स की इमरजेंसी को ट्रामा सेंटर में शिफ्ट करने की हो रही थी तैयारी
– कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर मशीनों की हो रही सर्विसिंग
Ranchi: कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर फिर से एक बार रिम्स अलर्ट मोड पर है. इसकी तैयारी को लेकर रिम्स प्रबंधन ने महत्वपूर्ण बैठक की है. इस बैठक के तहत रिम्स के ट्रामा सेंटर को फिर से कोविड हॉस्पिटल के रूप में तैयार किया जाएगा. हाल ही में रिम्स प्रबंधन ने ट्रामा सेंटर में रिम्स इमरजेंसी शिफ्ट करने का फैसला किया था, जिसपर रोक लगा दी गई है. फिलहाल रिम्स का ट्रामा सेंटर सिर्फ कोविड के मरीजों की इलाज के लिए ही रिजर्व रहेगा. रिम्स के क्रिटिकल केयर इंचार्ज डॉ पीके भट्टाचार्या ने कहा कि हमें फिर से कमर कस लेने का आदेश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में क्रिटिकल केयर यूनिट के दो तल्ले पर कोविड और पोस्ट कोविड के मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ मशीनों की सर्विसिंग हो रही है जल्द ही पूरी तरह से ट्रामा सेंटर कोविड अस्पताल के रूप में पूर्ण रूप से तैयार हो जाएगा.
जल्द ही मल्टी स्टोरी पार्किंग को किया जाएगा तैयार
कोरोना के नए वैरिएंट को देखते हुए जल्द ही मल्टी स्टोरी पार्किंग को कोविड अस्पताल के रूप में तैयार कर लिया जाएगा. ट्रामा सेंटर में क्रिटिकल मरीजों को रखा जाएगा वहीं मध्यम लक्षण वाले मरीजों को मल्टी स्टोरी स्थित कोविड अस्पताल में रखा जाएगा. जल्द ही इसे तैयार कर लिया जाएगा. बता दें कि मल्टी स्टोरी पार्किंग में अस्पताल का स्ट्रकचर तैयार है, सिर्फ बेड और मशीनें शिफ्ट की जानी है.
50 बार अपना स्वरूप बदल चुका है वायरस
क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ पीके भट्टाचार्या ने बताया कि कोविड के वायरस ने अबतक 50 बार अपना वैरिएंट बदला है. नए वैरिएंट के मरीज भारत में भी मिल चुके हैं, इसको लेकर अब सतर्क हो जाना चाहिए. लैबोरेट्री के रिजल्ट के अनुसार, यह वैरिएंट बहुत ही विक्राल है. डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले सात आठ गुणा अधिक तेजी से प्रसार होता है.
इस वैरिएंट पर वैक्सीन कितना असरदार होगा यह बता पाना मुश्किल
डॉ पीके भट्टाचार्य ने बताया कि वैक्सीन कितना काम करेगा यह पता चल पाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ 25 फीसदी लोगों का ही वैक्सीनेशन हुआ है. ऐसे में वैक्सीन की क्षमता के बारे में बता पाना बहुत ही मुश्किल है. उन्होंने बताया कि हालांकि वर्तमान में वैक्सीनेशन और जांच की रफ्तार बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए. सर्तकता ही बचाव है.
ज्वाइंट पेन और फेफड़े की समस्या लक्षण
डॉक्टरों के अनुसार, वर्तमान में मिले नए वैरिएंट का प्रमुख लक्षण ज्वाइंट पेन, थकान और कमजोरी लगना है. उन्होंने बताया कि पहले की तरह इस बार सर्दी, खांसी जैसे लक्षण नहीं हैं. उन्होंने बताया कि हालांकि यह नाक के जरिए शरीर में जा जरूर रहा है. जो सीधे फेफड़े को संक्रमित कर रहा है.
सावधानी और सर्विलांस बढ़ाने की जरूरत
रिम्स के डॉ देवेश ने बताया कि डब्लूएचओ का कहना है कि यह वैरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है. हालांकि साउथ अफ्रीका मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट की तुलना में इसका प्रसार बहुत अधिक नहीं है. हलांकि इसकी स्टडी आनी बाकी है. अभी यह वैरिएंट नया है. कैसा व्यवहार करेगा यह पता कर पाना मुश्किल है. हालांकि सावधानी और सर्विलांस बढ़ाने को कहा गया है.
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