Ranchi: दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई नेत्रहीन युवती का गर्भपात संभव नहीं है. 28 सप्ताह बाद गर्भपात सुरक्षित नहीं होगा. रिम्स ने मंगलवार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करते हुए यह जानकारी दी. रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्भ में बच्चा स्वस्थ है और किसी तरह की परेशानी नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने रिम्स, पीड़िता के अधिवक्ता और सरकार को आपस में बात कर यह बताने को कहा है कि इस मामले में अब आगे क्या किया जा सकता है. 14 सितंबर को हाईकोर्ट ने जानकारी मांगी है. सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि रामगढ़ में महिला आश्रय में पीड़िता के रहने की व्यवस्था की जा सकती है.
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युवती ने गर्भपात की मांगी थी अनुमति
बता दें कि नेत्रहीन युवती और दुष्कर्म की पीड़िता ने गर्भपात कराने की अनुमति हाईकोर्ट से मांगी है. इसपर हाईकोर्ट ने रिम्स को मेडिकल बोर्ड का गठन कर यह बताने को कहा था कि युवती का सुरक्षित गर्भपात कराया जा सकता है या नहीं. युवती रांची जिले के नगड़ी प्रखंड में रहती है. जब वह नाबालिग थी तो वर्ष 2018 में उसके साथ पहली बार दुष्कर्म हुआ था. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज किया था और पोक्सो एक्ट के तहत यह मामला निचली अदालत में लंबित है. कुछ माह बाद उसके बाद दोबारा दुष्कर्म हुआ. फिलहाल वह 28 सप्ताह की गर्भवती है. उसकी जांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में करायी गयी थी. पीड़िता ने अपनी आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए कोर्ट से गर्भपात कराने की गुहार लगाई है.
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