Sunil Kumar
Latehar: आम्रपाली कोल परियोजना से शिवपुरी रेलवे साइडिंग तक कोयले का परिवहन में लगी आरके टीसीएल एवं बीएलएपीपीएल की ज्वाइंट वेंचर कंपनी पर कोयला के परिवहन में भारी गड़बड़ी का आरोप लग रहा है. आंकड़ों पर नजर डालें तो जुलाई 2021 से मार्च 2022 तक पिछले नौ महीने में इस ज्वाइंट वेंचर कंपनी ने परिवहन का जो परफॉर्मेंस दिखाया है, वह भारी राजस्व की क्षति पहुंचाने वाला है. इस कंपनी को वर्ष 2021 के जुलाई महीने में कुल 7,70,000 टन कोयला परिवहन का टारगेट सीसीएल ने फिक्स किया था. इसके आलोक में कंपनी ने शून्य परिवहन किया है. बताया जाता है कि इस कंपनी ने परिवहन में रुचि ना दिखाकर लिंकेज के कोयला की चोरी करवाने में अधिक रूचि दिखा रही है. जिसे सीसीएल का वरदहस्त प्राप्त है.
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सीसीएल के आलाधिकारियों से मिलीभगत का आरोप
आरोप है कि सीसीएल के आला अधिकारियों की मिलीभगत से ट्रांसपोर्टेशन का रूट भी बदल दिया जा रहा है. परिवहन का लक्ष्य पूरा नहीं करने पर भी कंपनी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा रही है. मालूम हो कि आम्रपाली कोल स्टॉक यार्ड से शिवपुर रेलवे साइडिंग तक इस कंपनी को परिवहन के लिए समय निर्धारित किया गया है. इसमें पहला महीना का परफॉर्मेंस इतना खराब है कि जिसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता. दूसरी ओर कंपनी का कहना है कि कोयले की अनुपलब्धता के कारण परिवहन में कठिनाई हो रही है.
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बड़े राजनीतिक व्यक्तियों का हाथ होने का भी आरोप
आरोप है कि परिवहन कंपनियां रूट चेंज कर सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड को धोखे में रख रही है. सूत्रों का कहना है कि सीसीएल के उच्च पदाधिकारियों की मिलीभगत से एनआईटी की कंडीशन को नजरअंदाज करते हुए हिन्ड्रेन्स व अनुपलब्धता बताकर परिवहन में रुचि नहीं दिखाई जा रही है. सूत्र यह भी दावा करते हैं कि कोयले की चोरी इस परिवहन कंपनी के द्वारा लगातार किया जा रहा है. इस गोरखधंधे में राज्य के बड़े राजनीतिक व्यक्तियों का भी हाथ है. यही कारण है कि शिकायत करने के बावजूद भी सीसीएल इस परिवहन कंपनी के खिलाफ न तो कोई रिकवरी की कार्रवाई करती है और ना तो कोई टर्मिनेशन की कार्रवाई करती है. जारी