NewDelhi : कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने मजबूरी में गोमांस खाया होगा. लेकिन उनके लिए हम दरवाजा बंद नहीं कर सकते. ऐसे लोगों की हम धर्म वापसी करा सकते हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने यह बात कही है. श्री होसबाले बुधवार को जयपुर में आयोजित दीन दयाल मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे.
इस क्रम में उन्होंने कहा कि जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वो हिंदू हैं. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वे आज कौन सी पूजा पाठ कर रहे हैं, अभी वे क्या कर रहे हैं, यह हमारे विचार नहीं हैं. जो स्वयं को हिंदू मानता है, वो हिंदू हैं. एक तीसरा भी है, जिन्हें हम हिंदू कहते हैं, वे हिंदू नहीं हैं.
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भारत विरोधी ताकतों ने जनजातियों को भड़काने का काम किया है
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि देश में 600 से अधिक जनजातियां हैं. ये जनजातियां कहती हैं कि हम अलग हैं. हम हिंदू नहीं हैं. भारत विरोधी ताकतों ने इन्हें भड़काने का काम किया है.
होसबाले के अनुसार गुरु गोलवलकर ने कहा था कि वे हिंदू हैं. ऐसे में हम अगर वसुधैव कुटुंबकम की दिशा में अगर काम कर रहे हैं तो उनके लिए दरवाजे बंद नहीं किये जा सकते.
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भारत भूमि को पितृभूमि मानने वाले हिंदू हैं
यहां तक कि जिन लोगों ने मजबूरी में गोमांस खाया है, हम उन्हें इस वजह से छोड़ नहीं सकते. हम उनके लिए दरवाजे बंद नहीं करा सकते. उनकी हम अभी भी घर वापसी करा सकते हैं.
भारत हिंदू राष्ट्र हैं, क्यो कि इसे जिन लोगों ने बनाया, वे हिंदू थे. उन्होंने कहा कि सच और काम की बातों को स्वीकार करना चाहिए.
डॉक्टर हेडगेवार इसमें नहीं पड़े कि कौन हिंदू है या नहीं. भारत भूमि को पितृभूमि मानने वाले हिंदू हैं, जिनके पूर्वज हिंदू हैं, वे लोग हिंदू हैं. जो अपने को हिंदू मानता है वह हिंदू है.