Latehar: जिले के गारू थाना क्षेत्र के कुकू-पीरी जंगल में बीते 12 जून को पुलिस और नक्सलियों की मुठभेड़ नहीं हुई थी. बल्कि शिकार पर निकले युवकों पर पुलिस ने गोली चलाई थी.इस मामले में मृतक ब्रम्हदेव सिंह की पत्नी जीरामनी देवी ने पति की सुरक्षा बलों द्वारा हत्या के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज न होने की शिकायत अक्टूबर 2021 में लातेहार कोर्ट में की थी. अब उन्होंने झारखंड उच्च न्यायालय में 20 नवंबर को संलग्न रिट दायर की है.
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रिट दायर कर की गई है ये मांग
मामले की स्वतंत्र जांच के लिए उच्च न्यायलय के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन हो.
लातेहार के लीड मजिस्ट्रेट को निदेश दें कि तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए.
आवेदक व गवाहों को सुरक्षा दी जाए.
तुरंत 10 लाख रु का मुआवजा दिया जाए.
क्या है मामला
बीते 12 जून 2021 को जिले के पिरी के ब्रम्हदेव सिंह समेत कई आदिवासी पुरुष नेम सरहुल मनाने की तैयारी को लेकर शिकार के लिए गांव से निकले थे. इसी दौरान सुरक्षाबलों ने गोली चलानी शुरू कर दी. उन्होंने हाथ उठाके चिल्लाये कि वे आम जनता हैं, पार्टी (माओवादी) नहीं हैं और गोली न चलाने का अनुरोध किया. युवकों के पास पारंपरिक भरुठुआ बंदूक थी, जिसका इस्तेमाल ग्रामीण छोटे जानवरों के शिकार के लिए करते हैं. ग्रामीणों ने गोली नहीं चलायी थी. लेकिन सुरक्षा बल की ओर से गोलियां चलती रही. इस दौरान दीनानाथ सिंह के हाथ में गोली लगी और ब्रम्हदेव सिंह की गोली से मौत हो गयी.
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