Ranchi : झारखंड प्रदेश सहिया संघ के बैनर तले तीन दिवसीय धरना का आयोजन किया गया है. धरना के पहले दिन 17 नवंबर को सहियाओं ने राजभवन के समक्ष एकजुटता दिखाते हुए अपना आक्रोश जाहिर किया. वहीं शुक्रवार को सभी सहिया मोरहाबादी मैदान में प्रदर्शन कर रही हैं.गौरतलब है कि राज्य में सहिया की संख्या 42 हजार है. 17 साल से इन्हें अल्प मानदेय में काम करना पड़ रहा है.
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बड़े मंच से सिर्फ होती है महिला सशक्तिकरण की बात- माया सिंह
झारखंड प्रदेश सहिया संघ के सचिव माया सिंह ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हम सभी को आशा जगी थी कि सरकार हमारी सुध लेगी. लेकिन सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतर सकी. बड़े-बड़े मंच से महिला सशक्तिकरण की बातें होती है, लेकिन हम सहियाओं का शोषण किया जा रहा है. कोरोना काल में काम करने के बावजूद भी प्रोत्साहन राशि नहीं मिला है. संक्रमण से मरने वाली सहियाओं को मुआवजा का भुगतान भी नहीं किया गया.
स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को धरातल पर लाने का काम करती है सहिया- रूपा सिन्हा
धनबाद से आयी रूपा सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी योजनाओं में हम सभी का योगदान होता है. टीबी, मलेरिया, कुष्ठ और कोरोना संक्रमण को रोकने में हम सबों ने अपनी भूमिका निभायी है. आश्वासन के रूप में हम लोगों को झुनझुना थमा दिया जाता है. एक हजार प्रोत्साहन राशि की बात कहकर भुगतान नहीं किया गया है. हम सभी की मांग है कि हमें प्रतिमाह मानदेय के रूप में 18 हजार और स्थायी किया जाये.
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