बायोस 2023 का समापन
Ranchi : बायोस 2023 के दूसरे दिन जैव ऊर्जा के नये आयामों के विकल्प को तलाशने और उद्योग के लिए यह कैसे उपयोगी साबित हो, पर विचार विमर्श के साथ इसका समापन हुआ. इस्पात सचिव एनएन सिन्हा की अध्यक्षता में यह सत्र चला. एके सिंह, निदेशक (तकनीकी, परियोजना और कच्चा माल) ने बताया कि आने वाले समय में झोंका-भट्टी और सिंटरिंग प्रक्रिया दोनों के उपयोग के लिए सेल का दो-आयामी दृष्टिकोण जल्द ही सामने आएगा. उन्होंने सिंटर में कोक ब्रिज के स्थान पर 5-10% बायो-चार का परीक्षण और उपयोग करने के साथ-साथ झोंका-भट्टी में पलवराइज्ड कोल इंजेक्शन को 5-10% तक से बायोचार बदलने का आग्रह किया.
पराली, भुसी और मक्का से जैव ईंधन बनाया जा सकता है
आरपी गोस्वामी, निदेशक ऑयल इंडिया लिमिटेड ने बताया कि जैव ईंधन अब पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में आ गया है और ऑयल इंडिया लिमिटेड पहले से ही कई जैव ईंधन कार्यों में संलिप्त है. जिसमें असम में हरित हाइड्रोजन के साथ चलने वाली बस एक पहला कदम है. अपने सत्र में उन्होंने ओआईएल में जैव ईंधन के उत्पादन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. डॉ. सुजय रक्षित, निदेशक (आईसीएआर-आईआईएबी) ने कहा कि जैव ईंधन पर कई प्रकार से काम चल रहा है. जरूरी है उन्हें एकत्रित करने की. इसके अलावा जीनोम संपादन जैव ईंधन में मदद कर सकता है. साथ ही चावल के पराली तथा भुसी और मक्का से जैव ईंधन बनाया जा सकता है.
जैव ईंधन में 89 भारतीय मानकों पर प्रकाश डाला
बीआईएस की अदिति चौधरी ने ठोस ईंधन और जैव ईंधन में 89 भारतीय मानकों पर प्रकाश डाला. बीएचपी मार्केटिंग सस्टेनेबिलिटी, ऑस्ट्रेलिया की लॉरेन नॉर्थ ने 4 अलग-अलग स्टील बनाने की प्रक्रियाओं के लिए ग्रीन एंड स्टेट के 3 चरणों के बारे में बताया. इस दो दिवसीय सेमिनार में विभिन्न संगठनों के लगभग 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, कुल 5 तकनीकी सत्रों में 30 प्रस्तुतियों पर विचार-मंथन किया गया. प्रतिभागियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये, जिसमे कोलकाता से शिव शक्ति और दर्पण संस्था ने विशेष रूप से अइया गिरी नंदिनी का मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया. कलाकारों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया.
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