Lagatar Desk: कोविड का असर भारत के व्यापार पर पड़ा है. देश से निर्यात हो रहे नमक पर असर देखा जा रहा है. चीन के साथ नमक के निर्यात में काफी गिरावट आई है. इंडियन सॉल्ट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार निर्यात में 70 फीसदी की गिरावट हुई है.
आईएसएमए के अनुसार जून 2020 से जून 2021 के बीच चीन का निर्यात गिरकर 15 लाख टन रह गया है. जबकि भारत से हर साल लगभग 50 लाख टन नमक चीन भेजा जाता है. कोविड महामारी, बढ़ते फ्रेट चार्जेज और भारतीय क्रू पर चीन के प्रतिबंध लगाये जाने से नमक का निर्यात घटा है.
भारतीय क्रू पर हैं कई पाबंदियां
फ्रेट चार्जेज पर आईएसएमए के वाइस प्रेसिडेंट शामजी कांगड ने कहा कि दुनियाभर में फ्रेट चार्ज करीब 12 डॉलर प्रति टन बढ़कर 25 डॉलर हो गया है. लेकिन भारतीय क्रू पर पाबंदियों के कारण चीन के लिए यह तीन गुना बढ़ गया है. इस वजह से चीन के बंदरगाहों पर जहाजों का टर्नअराउंड टाइम भी बढ़ गया है.
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बता दें कि चीन भारतीय नमक का सबसे बड़ा आयातक है. पिछले साल दुनियाभर में लॉकडाउन और अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के कारण नमक का निर्यात प्रभावित हुआ था. निर्यातकों की मानें तो चीन के कई बंदरगाहों में भारतीय क्रू वाले जहाजों को नहीं आने दिया जा रहा है. चीन के पोर्ट एरिया में जाने से पहले भारत में 21 दिन रहे क्रू मेंबर्स को एनएटी टेस्ट से गुजरना पड़ता है. सभी क्रू मेंबर्स की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही कार्गो ऑपरेशन शुरू करने की अनुमति दी जा रही है. क्रू मेंबर्स को लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसमें काफी समय लगता है.
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