Ranchi : 2019 विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेश बैठा की इलेक्शन पिटीशन पर हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान भाजपा विधायक समरी लाल की ओर से उपस्थित दसवें गवाह परभाती राम का बयान दर्ज किया गया. परभाती राम ने समरी लाल से परिचित होने और अपने परिवार के आज़ादी के वक़्त से रांची में रहने की बात कही. लेकिन जब सुरेश बैठा के वकील ने उनसे पूछा कि क्या वे इससे जुड़ा कोई प्रमाण दे सकती हैं तो उन्होंने बताया कि वे यह प्रमाण दे सकती है कि वे 1950 के दशक से रांची में हैं. लेकिन समरी लाल से जुड़ा कोई पुराना दस्तावेज़ी प्रमाण उनके पास उपलब्ध नहीं है. परभाती राम की गवाही होने के बाद अदालत ने दूसरे गवाह का बयान दर्ज करने के लिए बुधवार की तारीख़ मुकर्रर की है. याचिकाकर्ता सुरेश बैठा की ओर से हाईकोर्ट के अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, विभास सिन्हा और अविनाश अखौरी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष रखा. वहीं समरी लाल की ओर से अधिवक्ता अमर कुमार सिन्हा ने पक्ष रखा.
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समरी लाल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में कांके विधानसभा की आरक्षित सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सुरेश बैठा और बीजेपी के प्रत्याशी समरी लाल चुनाव लड़े थे. मतगणना के बाद भाजपा के प्रत्याशी समरी लाल को निर्वाचित घोषित किया गया. जिसके बाद सुरेश बैठा ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर समरी लाल के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है. इसके पीछे उन्होंने आधार दिया है कि समरी लाल द्वारा चुनाव के दौरान दिया गया जाति प्रमाण पत्र गलत है.
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