Saraikela : प्रखंड अंतर्गत मुरूप गांव में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी एकादशी के दिन अर्थात आगामी दिनांक 16 अक्टूबर शनिवार को आयोजित होने वाले आंगुनमाडा (नियामाडा) पर्व में अंगारों पर चलकर भक्त हठ भक्ति दिखाएंगे. श्रद्धालुओं द्वारा माता वन दुर्गा देवी के साथ-साथ सोमनाथ देवी की आस्था व श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करेंगे. शनिवार को स्थानीय जलाशय से जल देवी की पूजा अर्चना कर भक्तों द्वारा दंडी पाठ करते हुए मंदिर परिसर पहुंचेंगे. इस दौरान भक्तों द्वारा माता को प्रसन्न करने के लिए कई आकर्षक करतब दिखाएंगे. भक्त कांटों की सेज बना कर सोएंगे पर उनके शरीर में कोई जख्म नहीं होगा.
अंगारों पर चलते हैं, लेकिन पांव में छाले नहीं पड़ते
मंदिर परिसर में मां पाऊड़ी के समक्ष आंगुनमाडा के लिए अग्निकुंड बनाया जाता है जिसकी लंबाई 10 फीट, चौड़ाई 2 फीट और गहराई 2 फीट होती है. पूजा के बाद श्रद्धालु नंगे पांव दहकते अंगारों पर चलते हैं, लेकिन किसी के पांव में छाले तक नहीं पड़ते. इसे देखने के लिए क्षेत्र के आसपास गांव के अलावा दूर-दराज के गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है, जिसकी निगरानी शुभनाथ क्लब, मुरूप करती है. क्लब के पदाधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में कोविड 19 के एहतियात नियमों का पालन किया जाएगा. इस अवसर पर आगंतुक श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी और मास्क का उपयोग करने की अपील की गई है. श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर भक्त की मुराद पूरी होती है. इस अवसर पर मां मनसा देवी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना भी की जाती है. संध्या आरती के समय माता मनसा देवी के भजन (जात) का आयोजन भी होता है. रात्रि जागरण हेतु मां मनसा देवी की पूजा अर्चना से संबंधित बंगला भाषा में गीतीनाट्य मनसा मंगल का भी मंचन किया जाता है.