Kiriburu : मकरांडा पंचायत के वनग्राम तेन्ताई में लाईलोर, फुलवारी, पंचपाईया, सागजुड़ी, मकरांडा एवं मारंगपोंगा की संयुक्त ग्राम सभा शनिवार को आयोजित की गई. सेवानिवृत्त शिक्षक बेनेडिक्ट लुगुन की अध्यक्षता में हुई बैठक में जराईकेला से छोटानागरा भाया मारंगपोंगा पथ का निर्माण करने, सारंडा के 6 पंचायत में 2013 से बंद आवास योजना को पुनः चालू कर जरूरतमंदों को आवास योजना से जोड़ने, सारंडा क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को गुवा, चिरिया, किरीबुरू, मेघाहातुबुरू, टीएसएलपीएल, करमपदा खदानों में रोजगार देने, 2005 के पूर्व सारंडा वन क्षेत्र में बसे लोगों को वनाधिकार अधिनियम-2006 के तहत पट्टा देने की मांग पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया.
सारंडा के बेरोजगारों की स्थानीय खदानों में उपेक्षा हुई
संयुक्त ग्राम सभा को सम्बोधित करते हुए युवा समाजसेवी सह आस संयोजक सुशील बारला ने कहा कि झारखंड राज्य के निर्माण के 21 वर्षों बाद भी सारंडा के बेरोजगारों को स्थानीय खदानों में उपेक्षा की गई है. अकूत खनिज संपदाओं से धनी सारंडा के लोगों को षडयंत्र के तहत मौलिक सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है. स्थानीय बेरोजगारों को उचित हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है. 2013 से सारंडा के छह पंचायत को आवास योजना से वंचित रखा गया है. सरकार एवं जिला प्रशासन सारंडा के समग्र विकास की दिशा में सकारात्मक पहल करे अन्यथा सारंडा के ग्रामीण चरणबद्ध आन्दोलन के लिए बाध्य होगी.
जमीन का नारा लगाने वाले जनप्रतिनिधि भी हैं चुप
पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा कि जीविकोपार्जन के लिए वनाधिकार अधिनियम के तहत पट्टा मांगने वाले दावेदारों को 15-20 डिसमिल जमीन का पट्टा देकर अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है. जल, जंगल, जमीन का नारा लगाने वाले जनप्रतिनिधि भी इस मामले में चुप हैं. 17 साल बीतने के बाद भी वनाधिकार पट्टा के लिए सदन में आवाज नहीं उठाकर सारंडा के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण यहां के युवाओं को रोजगार से वंचित होना पड़ रहा है. इसके लिए हमें ग्राम सभा को सशक्त बनाना है. अपने बच्चों को शिक्षित बनाना है.
मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दिला पा रहे
समाजसेवी गाजू देवगम (जमकुडिया) ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का दंभ भरने वाले अपने क्षेत्र में न्यूनतम मजदूरी मनरेगा में 225 रुपए एवं अन्य सरकारी योजनाओं में 311 रुपए नहीं दिला पा रहे हैं. रोजगार दिलाने की बात करने वाले नेताओं को हमें पहचानना होगा और ऐसे नेताओं से हमें सावधान रहना है. संयुक्त ग्राम सभा को सुरेन्द्र बहन्दा, गोमाय किम्बो (मुंडा), किशोर गुड़िया, जीवन किम्बो, मेरी ग्रोथी लुगुन आदि ने भी संबोधित किया. धन्यवाद ज्ञापन संन्तिएल कान्डायबुरू ने किया.