Kanpur/Ranchi: उत्तर प्रदेश के नरौरा से 11 नवंबर को शुरू हुई गंगा संवाद पदयात्रा का समापन सोमवार को कानपुर के गोलाघाट पर हुआ. सुप्रसिद्ध विचारक केएन गोविंदाचार्य के नेतृत्व में निकली पदयात्रा में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी शामिल हुए और समापन समारोह को संबोधित किया. सरयू राय ने कहा कि गंगा जी में कम जलप्रवाह और प्रदूषित जल प्रवाह के कारण निचले भाग में स्वच्छ गंगाजल मिलना बड़ी समस्या बन गया है. बिहार के बक्सर से लेकर झारखंड के राजमहल तक के इलाके में नदी के भीतर गंगा जल की मात्रा काफी कम हो गई है. गंगाजल के नाम पर घाघरा, सोन, गंडक़, बूढ़ी गंडक, कोसी, कमला आदि नदियों से प्रवाहित जल की मात्रा नहीं आये तो गंगा जी का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा.
इसे पढ़ें- धनबाद : घर से भागे प्रेमी युगल ने पुलिस से लगाई न्याय की गुहार
20 साल के जनांदोलन से दामोदर औद्योगिक प्रदूषण से हुआ मुक्त
सरयू राय ने कहा कि बड़ी नदियों के साथ-साथ छोटी नदियों एवं लघु जलश्रोतों को संरक्षित करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बड़ी नदियां इन्हीं से मिलकर बनती हैं. दामोदर नदी का उदाहरण देते हुए सरयू राय ने कहा कि सरकारी खजाने से एक ढेला खर्च किये बिना पिछले 20 सालों में लगातार जन प्रयास से दामोदर औद्योगिक प्रदूषण से करीब-करीबी मुक्त हो गया है. शांतिपूर्ण जनांदोलन के माध्यम से किसी बड़े जलस्रोत को प्रदूषण मुक्त करनेवाला यह प्रत्यक्ष उदाहरण है.
नदियों के संरक्षण के लिए दो महीने में बड़ा सम्मेलन बुलाएंगे गोविंदाचार्य
केएन गोविन्दाचार्य ने कहा कि नदियों पर संकट सभ्यता का संकट है. नदियों के जल से औद्योगिक साम्राज्य खड़ा होता है पर वही आगे चलकर नदियों के लिए भस्मासुर बन जाते हैं और नदियों को लीलने पर उतारू हो जाते हैं. उन्होंने दो महीने के भीतर नदियों एवं अन्य जलश्रोतों की अविरलता और निर्मलता की समस्या पर विमर्श करने के लिए भी उन्होंने एक सम्मेलन बुलाने की बात कही.