New Delhi : भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के बाद देश को दूसरी मेड-इन-इंडिया कोविड-19 वैक्सीन मिलने जा रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलॉजिकल-E के साथ COVID-19 की 30 करोड़ वैक्सीन की खुराक सुरक्षित करने की व्यवस्था को अंतिम रूप दे दिया है. वैक्सीन की यह खेप इस साल अगस्त से दिसंबर तक निर्मित और भंडारित की जायेगी. इस आदेश के लिए केंद्र सरकार बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करेगी.
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टीके के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है
बायोलॉजिकल- E की यह COVID-19 वैक्सीन फिलहाल तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल से गुजर रही है. यह एक RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बायोलॉजिकल- E के प्रस्ताव की जांच के बाद कोविड -19 वैक्सीन प्रबंधन के लिए गठित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने इसके अनुमोदन की अनुशंसा की है. इसमें कहा गया है कि बायोलॉजिकल-E की COVID वैक्सीन को भारत सरकार ने प्री-क्लिनिकल चरण से लेकर फेज -3 के शोध तक अपना सहयोग दिया है. केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अनुदान के रूप में 100 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता देने के साथ ही अपने ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (टीएचएसटीआई), फरीदाबाद के माध्यम से पशुओं पर इस टीके के परीक्षण करने के लिए बायोलॉजिकल-E के साथ भागीदारी की है.
मिशन COVID सुरक्षा के तहत किया गया है वैक्सीन का विकास
केंद्र सरकार के एक बयान में कहा गया है कि इस वैक्सीन प्रोजेक्ट को यह भारत सरकार के ‘मिशन COVID सुरक्षा-भारतीय COVID-19 वैक्सीन विकास मिशन’ के अंतर्गत शुरू किया गया है, जिसे तीसरे प्रोत्साहन पैकेज, आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत COVID-19 वैक्सीन विकास के प्रयासों को सुदृढ़ और तेज करने के लिए लॉन्च किया गया था.
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