Akshay Kumar Jha
Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में राज्य में संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों को छोड़ कर अन्य सभी को वाहनों और नेम प्लेट और बोर्ड लगाने पर पाबंदी लगा दी. इस खबर के मीडिया में आने के बाद सचिवालय के गलियारों में इसकी चर्चा न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता था. सो लगातार न्यूज नेटवर्क ने राज्य के कुछ सीनियर आइएएस अधिकारियों से इस मामले पर बात की. एक वरीय आइएएस ने इस बारे में पूछने पर एक कहानी सुनाकर अपनी बात कही, पेश है उनकी बात-
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बापू ने गुड़ खाने की आदत छोड़ी तब दी नसीहत
अपनी किताब ‘माई एक्सपेरिंमेट्स विथ ट्रुथ’ में गांधीजी ने लिखा है – “एक बार व्यक्ति अपने बालक को लेकर साबरमती आश्रम में आ गया और कहने लगा कि बापू मेरे इस बच्चे को गुड़ खाने की बुरी लत है. तब मैं स्तब्ध रह गया और उसे 15 दिन बाद आने को कहा. ऐसा करने की मेरी वजह यह थी कि उस वक्त मैं स्वयं गुड़ खाने का आदी था. 15 दिन तक मैंने उस आदत को कम किया और फिर उस बच्चे को समझाया कि गुड़ कम खाया करो, नहीं तो दांतों में कीड़े लग जायेंगे. तब उस व्यक्ति ने मुझसे पूछा कि बापू यह बात तो आप पहली मुलाकात में भी मेरे बेटे से बोल सकते थे. मैंने बताया कि उस वक्त नहीं बोलने का कारण यह था कि मैं भी बहुत गुड़ खाता था. एक हफ्ता मैंने ज्यादा गुड़ खाने की आदत बदलीतो मैं इस बच्चे को मना करने के लायक समझ सका. वह मेरा अनुभव था और प्रयोग भी.”
कहानी बताने वाले अधिकारी का कहना था कि गांधी जी की तरह ही बोर्ड उतारने का काम पहले मीलॉर्ड को खुद शुरू करना चाहिए. अगर वह खुद ऐसा करेंगे तो दूसरे भी उनकी बात को मानेंगे. राज्य सेवा से जुड़े एक अदिकारी ने भी कटाक्ष किया कि ऐसा तभी संभव होगा जब जज अपना बोर्ड पहले हटायेंगे. कई सीनियर आईएएस अधिकारियों से बात की गयी. सभी ने इस बात को दोहराया कि शुरुआत पहले कोर्ट परिसर से हो.
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