Seraikela(Bhagyasagar singh) सरायकेला नगरपालिका क्षेत्र में समय के अंतराल में शहरी विकास एवं सौंदर्यीकरण के नाम अनेक योजनाएं चलते रहे, विकास कार्य भी होते रहे, परन्तु पुराने बस स्टैंड के निकट सब्जी बाजार की स्थिति यथावत ही रही. सब्जी बाजार के विकास के नाम वर्षों पूर्व जमीनी सतह पर ब्रिक्स सोलिंग सहित कुछ चबुतरे बने थे. अपनी सुविधाओं को लेकर सब्जी विक्रेताओं ने कुछ मांगें रखी थी वो आज तक पूरी नहीं हो सकी.
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आवारा पशुओं से सुरक्षा को सदैव हाथ में पकड़े रहते हैं डंडा
सरायकेला सब्जी बाजार के अंदर जाने और निकलने के लिए तीन रास्ते बने हैं. इन रास्तों में खरीददारों के साथ ही कभी-कभी शहर में घूमने वाले आवारा पशु भी प्रवेश कर जाते हैं. पशुओं का लक्ष्य दुकानों की सजी सब्जियां रहती हैं. नुकशान से बचने के लिए दुकानदार उनके पीछे डंडे लेकर दौड़ पड़ते हैं. डंडे की भय से जिस रफ्तार से पशु दौड़ते हैं कई बार उनके चपेट में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं आ जाती हैं. गनीमत है कि अभी तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है. सब्जी बाजार के गेट पर पशुओं के आवाजाही पर रोक के लिए कैटल कैचर या अन्य कोई साधन लगाने की मांग वर्षों से होती रही है. लेकिन अभी तक किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया.
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बदलते मौसम की मार से सब्जी विक्रेता रहते हैं परेशान
सब्जी बाजार के दुकानदारों द्वारा वर्षों से दुकानों के ऊपर शेड निर्माण कराने की मांग होती रही है. शेड के अभाव में सभी दुकानदार अपने-अपने खर्च पर प्लास्टिक के तिरपाल टांगे रखे हैं. खुले आसमान के नीचे विशेष कर गर्मी और बरसात के मौसम ना तो वे स्वयं सुरक्षित रह सकते हैं और ना ही उनके दुकान की सब्जियां. दुकानदारों के अनुसार हर दो तीन माह में प्लास्टिक के तिरपाल उन्हें बदलने पड़ते हैं. इसके बावजूद गर्मी एवं बरसात के मौसम की मार झेलनी पड़ती है.
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निर्धारित महसूल अदा करने पर भी नहीं मिलती कोई सुविधा
सब्जी विक्रेताओं के अनुसार नगर पंचायत से बोली लगा कर लेने वाले ठेकेदार को वे दुकान लगाने के एवज में निर्धारित महसूल अदा करते हैं. इसके बावजूद साफ सफाई, कीटनाशक रसायनों का छिड़काव जैसी सुविधाएं भी नगरपंचायत की ओर से नहीं मिलती है.