Haidernagar (Palamu) : हुसैनाबाद अऩुमंडल में झारखंड सीमा पर स्थित कबरा कला गांव के समीप सोन नदी के बीचोबीच रावण द्वारा स्थापित दशशिशानाथ महादेव मंदिर में शाहाबाद महोत्सव प्रारंभ करने के पूर्व तीन दिसंबर को सोन आरती का भव्य आयोजन किया गया है. आयोजन संपन्न कराने को लेकर बिहार के नौहट्टा थाना अंतर्गत बांदू गांव निवासी वरिष्ठ पत्रकार राकेश कुमार पांडेय के नेतृत्व में कार्यक्रम को सफल बनाने में लगातार प्रयास किया जा रहा है. कार्यक्रम का आयोजन दशशिशानाथ महादेव के समक्ष सोन आरती के बाद 4 व 5 दिसंबर को रोहतास किला स्थित रोहितेशवर धाम में किया जायेगा. इस संबंध में राकेश पांडेय ने बताया कि दशशिशानाथ महादेव मंदिर में रोहतास जिला सहित शाहाबाद क्षेत्र के अधिकारियों को पहुंचने के लिए नाव की व्यवस्था की गयी है. इसके लिए बांदु गांव के सैकड़ों युवा व प्रबुद्ध लोगों का भरपूर सहयोग मिला है. उन्होंने कहा कि आरती के बाद अतिथियों का स्वागत भव्य तरीके से ग्रामवासियों की उपस्थिति में की जायेगी.
शिवलिंग दशशिशानाथ महादेव के नाम से विख्यात है
उन्होंने यह भी कहा कि रावण द्वारा स्थापित शिवलिंग जो दशशिशानाथ महादेव के नाम से विख्यात है, उसे पर्यटन स्थल बनाने की भी पहल तेज कर दी गई है. यह क्षेत्र पुरातात्विक विभाग द्वारा घोषित है. कबरा कला के अलावा रोहतास गढ़ स्थित रोहितेशवर धाम, महादेव खो सहित दशशिशानाथ से लगभग चार किमी दूर विश्वामित्र मुनी का आश्रम विराजमान है. इनमें सबसे अधिक महत्व सोन नदी के बीचोबीच विराजमान दशशिशानाथ का है. जिनपर कई वीरो द्वारा शिलालेख लिखवाकर अपने वंशजों का नाम अंकित किया गया है. इसके बाद ही छोटानागपुर सहित पूरे झारखंड में आदिवासियों का गढ़ बना है. रोहतास क्षेत्र के राजा भी अदिवासी वंशज के ही थे. इन सभी तथ्यों की सासाराम निवासी शोधकर्ता डॉ श्याम सुंदर तिवारी द्वारा खोज की गई है. उन्होंने अपने शोध में दशशिशानाथ, रोहितेशवर नाथ सहित झारखंड के कबला कला व जपला के इतिहास का भी जिक्र किया है.
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