- शिक्षाविदों ने कहा- स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग जरूरी, ताकि चुन सकें बेहतर शिक्षण संस्थान
Ranchi : मेडिकल, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और लॉ के क्षेत्र में कॅरियर बनानेवाले बच्चों को राह दिखाने के उद्देश्य से हिंदी दैनिक शुभम संदेश- साइकोग्राफिक सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से कॉलेजों की रैंकिंग तैयार की गयी. रैंकिंग में देश के सभी टॉप यूनिवर्सिटी और कॉलेज शामिल हैं. एक्वावर्ल्ड में सोमवार शाम शिक्षाविदों, विभिन्न स्कूलों व कोचिंग संस्थानों के प्राचार्य व शिक्षकों की उपस्थिति में शुभम संदेश- साइकोग्राफिक सोसाइटी कॉलेज रैंकिंग -2023 लॉन्च की गयी. मौके पर मौजूद शिक्षाविदों ने बताया कि छात्रों के लिए एक बेहतर संस्थान चुनना कितना चुनौतीपूर्ण होता है. सही मार्गदर्शन और जानकारी नहीं होने से छात्र यह तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें किस संस्थान में दाखिला लेना चाहिए. शुभम संदेश-साइकोग्राफिक सोसाइटी कॉलेज रैंकिंग 2023 से स्टूडेंट्स को बेहतर संस्थान चुनने में काफी मदद मिलेगी.
बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए अभिभावकों की भी काउंसिलिंग जरूरी : मुकेश कुमार
मुख्य अतिथि आदिवासी कल्याण आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि वे भी आईएएस बनने से पहले कॅरियर काउंसिलिंग की प्रक्रिया से गुजर चुके हैं. उन्हें पता है कि एक छात्र के कॅरियर चुनने में काउंसिलिंग का कितना महत्व है. बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए न सिर्फ उनकी बल्कि अभिभावकों की भी काउंसिलिंग होनी चाहिए. कई छात्र महंगे यूनिवर्सिटी में पढ़कर भी क्वालिफाई नहीं कर पाते हैं. इसलिए सबसे पहले यह देखा जाना चाहिए कि छात्र की रुचि किस क्षेत्र में है. उसकी क्षमता क्या है. कॅरियर काउंसिलिंग बच्चों के भविष्य का सवाल है. इसलिए एक अच्छे वातावरण में काउंसिलिंग हो. अनुभवी और जानकार काउंसिलर हों. विदेशों के कई कॉलेज देश के कॉलेजों से सस्ते हैं. वहां भी बच्चे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं. काउंसिलिंग में स्टूडेंट्स को यह सब भी बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स की प्रतिभा दूसरे के दिए असाइनमेंट से तय नहीं होती है. इसलिए स्टूडेंट्स में जिस सेक्टर में बढ़ियां करने की क्षमता दिखती हो, उन्हें उसी सेक्टर में जाने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है.
छात्रों को रैंकिंग, कट ऑफ और क्लोजिंग की होनी चाहिए जानकारी : विकास कुमार
साइकोग्राफिक सोसाइटी के निदेशक विकास कुमार ने कहा कि आज के दौर में स्टूडेंट्स को कॅरियर चुनने के लिए काउंसिलिंग की काफी जरूरत है. कोई भी कॉलेज बिना काउंसिलिंग के एडमिशन नहीं लेता है. प्रतियोगिता के इस दौर में हजारों कोचिंग और शिक्षण संस्थान खुल चुके हैं. इनमें से कौन से संस्थान छात्रों के लिए बेहतर हैं, यह काउंसिलिंग के जरिये ही छात्रों को पता चलता है. छात्रों को यूनिवर्सिटी की रैंकिंग, कट ऑफ और क्लोजिंग की जानकारी होनी बहुत जरूरी है, तभी वे अपने लिए एक बेहतर संस्थान का चुनाव कर सकेंगे.
परीक्षा के बाद काउंसिलिंग की व्यवस्था हो : सत्य प्रकाश
लोयला कॉन्वेंट के निदेशक सत्य प्रकाश ने शुभम संदेश और साइकोग्राफिक सोसाइटी के प्रयास की सराहना की. कहा कि सभी स्कूलों में एक्जाम के बाद काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाए. इससे छात्रों को अपना कॅरियर चुनने में काफी मदद मिलेगी.
इतने ऑप्शन कि छात्र कन्फ्यूज हो जाते हैं : नीता पांडेय
कैंब्रियन स्कूल की प्राचार्य नीता पांडेय ने कहा कि कॅरियर और शिक्षण संस्थानों के इतने सारे ऑप्शन हैं कि छात्र कन्फ्यूज हो जाते हैं. पहले मेडिकल और इंजीनियरिंग क्वालिफाई करिये, फिर कहां एडमिशन हो, इसकी चिंता. ऐसे में उन्हें अच्छी काउंसिलिंग की जरूरत है.
बच्चों का कैसे भला हो, यही मंशा : मनीषा तिवारी
विद्या विकास पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मनीषा तिवारी ने कहा कि हम सभी की धुरी एक है कि बच्चों का भला कैसे हो. हमारी मंशा ये होनी चाहिए की बच्चों को कैसे सोचना चाहिए. उनके बेहतर भविष्य के लिए अच्छी काउंसिलिंग होनी चाहिए.
पैरेंट्स को भी जानना चाहिए बच्चे क्या करें : प्रशांत झा
ब्रदर्स एकेडमी के प्रशांत झा ने कहा कि स्टूडेंट्स के पर्सनालिटी डेवलपमेंट के लिए भी अखबारों में आर्टिकल आने चाहिए. उनके पैरेंट्स को भी यह जानना चाहिए कि बच्चों को छठी क्लास से ही क्या करना चाहिए. इंटरनेट बेस्ड कॅरियर की भी शुरुआत होनी चाहिए.
बच्चों को राजनीति नहीं, कॅरियर और पढ़ाई से है मतलब : सुरजीत सिंह
शुभम संदेश के प्रधान संपादक सुरजीत सिंह ने कहा कि क्या हमने कभी यह सोचने की कोशिश की है कि बच्चे अखबार क्यों नहीं पढ़ते हैं. दरअसल बच्चों को राजनीति से मतलब नहीं है. उन्हें कॅरियर और पढ़ाई से मतलब है. उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोगों ने आजकल लिखना बंद कर दिया है. एक शिक्षक ही छात्रों को सही राह दिखाता है. इसलिए शिक्षकों को लिखते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि शुभम संदेश एजुकेशन सेक्टर से जुड़े लोगों के आलेख छापेगा. महीने में कम से कम दो आर्टिकल शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग जरूर लिखें.
ये भी थे मौजूद
कार्यक्रम में शुभम संदेश के स्थानीय संपादक संजय कुमार सिंह, साइकोग्राफिक के डायरेक्टर विकास कुमार, न्यूटन क्लासेस के आरके मलिक, द कैटेलाइजर्स के रूपक सिंह, मछली घर के निदेशक प्रतुल शाहदेव, अमरदीप केसरी समेत कई लोग मौजूद थे.
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