एक साथ चुनाव: बदलाव या राजनीति

Srinivas जनसंघ के जमाने से इनका एक नारा रहा है- ‘एक देश, एक प्रधान, एक निशान.’ ये उसका एक्सटेंशन कर रहे हैं- एक धर्म, एक संगठन, एक नेता. अब- एक देश, एक चुनाव. इनके पास अभी एक ऐसा नेता है, जिसके रहते, इनको यकीन है कि कुछ भी मुमकिन है! हालांकि मेरी समझ से यह … Continue reading एक साथ चुनाव: बदलाव या राजनीति