Sindri: कई वर्ष पूर्व फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (FCIL) खाद कारखाना बंद हो जाने के बाद अपनी पहचान खोती जा रही वीरान पड़ी सिंदरी एक बार फिर सुंदरी बनने की ओर अग्रसर है. 25 मई 2018 को सिंदरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) खाद कारखाना की आधारशिला रखे जाने के बाद से सिंदरी का खोया हुआ वजूद लौटता दिख रहा है.
मार्च 2022 के अंत तक किया जाएगा राष्ट्र को समर्पित
हालांकि निर्माणाधीन हर्ल परियोजना में रोजगार सहित अन्य मुद्दों को लेकर कई राजनीतिक दलों एवं संगठनों द्वारा विरोध-प्रतिरोध का सिलसिला भी चलता रहा है. परियोजना अपने अंतिम पड़ाव पर है और यही वजह है कि सिंदरी की रौनक लौटती नजर आ रही है.
हर्ल प्रोजेक्ट का कार्य 92.8 प्रतिशत हुआ पूरा
पदाधिकारियों के मुताबिक निर्माणाधीन हर्ल प्रोजेक्ट का काम 92.8 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. मार्च 2022 के अंत तक इसे राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा. इसमें 350 अस्थाई सहित 1000 कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर रखा जाएगा. जरूरत के हिसाब से समय अनुकूल होने पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई भी जाएगी.
कर्मचारियों के लिए 15 एकड़ भूमि पर बनेगा स्मार्ट टाउनशिप
प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल की जा रही भूमि के अलावा अलग से चिन्हित 15 एकड़ भूमि पर हर्ल अपने कर्मचारियों के लिए एफसीआईएल की तर्ज पर ग्रीन सिटी के रूप में स्मार्ट टाउनशिप बनाएगी, जिसमें बहुमंजिली इमारतों के अलावा पार्क, वॉकिंग पथ आदि होंगे और यह क्षेत्र पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त होगा. सिंदरी वासियों को CER के तहत जो भी योजनाएं हैं, वह डीसी धनबाद के सहयोग से मुहैया कराई जाएंगी.
1952 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने राष्ट्र को समर्पित किया था एफसीआईएल
जानकार बताते हैं कि स्वतंत्रता प्राप्ति के कुछ ही दिन बाद 1952 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सिंदरी में स्थापित एफसीआईएल उद्घाटन कर राष्ट्र को समर्पित किया था. सिंदरी, खाद कारखाने को कांग्रेस के पीवी नरसिम्हा राव सरकार के कार्यकाल,1992 में बीमार घोषित कर दिया गया और राजनीतिक उठा-पटक की बलिवेदी पर चढ़ने के बाद 31 दिसंबर 2002 में एनडीए की सरकार के कार्यकाल में बंद कर दिया गया. कारखाने में कार्यरत सभी कर्मियों को भी जबरन रिटायरमेंट दे दिया गया. इसके बाद सिंदरी से लोगों का पलायन शुरू हो गया और गुलजार इलाका उजड़ता चला गया.
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