Sindri : निर्माणाधीन हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड सिंदरी हर्ल परियोजना में विगत दिन पैनल फटने से दो ठेका कर्मियों के झुलसने की घटना के बाद से ही जख्मी कर्मियों के बेहतर उपचार की व्यवस्था सहित 10 सूत्री मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने सोमवार से हर्ल मुख्य द्वार जाम कर रखा है और मजदूरों का धरना-प्रदर्शन जारी है.
मांगें पूरी होने तक होगा आंदोलन : मासस
आगे की रणनीति के सवाल पर मासस नेता बबलू महतो ने कहा कि कई दौर की वार्ता में प्रबंधन की ओर से सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है, सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. अब तक जख्मी कर्मियों के उचित इलाज तक की व्यवस्था नहीं की गई है. प्रबंधन हठधर्मिता पर अड़ा है. मौखिक आश्वासन तो दिया जा रहा है, परंतु लिखित रूप से नहीं. जब तक लिखित रूप से मांगें नहीं मानी जाती, आंदोलन जारी रहेगा.
प्रबंधन की आनाकानी, अड़े आंदोलनकारी
मायुमो प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जगदीश रवानी ने कहा कि हर्ल प्रबंधन मांगों पर आधारित वार्ता करने में आनाकानी कर रहा है. आंदोलनकारी पीछे हटने वाले नहीं हैं. मांगे नहीं मानी गई तो हर्ल के सभी द्वार जाम कर प्रदर्शन को बाध्य होंगे. आंदोलनकारियों के समर्थन में निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी भी धरना स्थल पहुंचे. उन्होंने भी मांगें माने जाने तक राजनीतिक दलों के सहयोग से धरना जारी रखने की बात कही थी.
अस्थायी नियोजन सहित कई मांगें
घायल मजदूरों की उच्चस्तरीय चिकित्सा, इलाज होने तक मजदूरों का नियमित मजदूरी, स्वस्थ होने के बाद घायलों को एच यू आर एल में अस्थाई नियोजन, दुर्घटना की उच्चस्तरीय जांच व सुरक्षा की अवहेलना के दोषियों पर कार्रवाई, स्थानीय बेरोजगारों को 75% एच यू आर एल में नियोजन, मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी एवं उनसे 8 घंटे काम लेने आदि मांगें की गई हैं.
दोनों घायल अस्पताल में
बताते चलें कि हर्ल प्लांट सिंदरी में मुख्य सब स्टेशन बिल्डिंग के एसटी पैनल में चल रहे कार्य के दौरान 10 जनवरी को 11000 वोल्ट विद्युत प्रवाहित तार के शॉर्ट होने के कारण विस्फोट होने से 2 ठेका कर्मी, बलियापुर प्रखंड के रघुनाथपुर निवासी 32 वर्षीय आशीष मंडल व चेन्नई के 35 वर्षीय माधवन गंभीर रूप से झुलस गए थे. दोनों को इलाज के लिए धनबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
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