Jamshedpur : केंद्र सरकार द्वारा आगामी वर्ष की पहली जनवरी से जीएसटी की वसूली व्यावसायिक प्रतिष्ठानों या उद्योगों में जाकर करने के प्रावधान का जमशेदपुर के व्यावसायियों ने कड़ा विरोध किया है. इस संबंध में सिंहभूम चैम्बर ऑफ कामर्स की ओर से एक पत्र केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भेजा गया है. चैम्बर ने वित्त मंत्री मंत्री से आग्रह किया है कि वे इस निर्देश को वापस लें. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र भेजकर उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया गया है. प्रावधान वापस नहीं लिए जाने पर चैंबर कड़े कदम उठाने एवं सड़क पर उतरने पर मजबूर होगा.
नए प्रावधान से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा, व्यवसायी हतोत्साहित होंगे
सिंहभूम चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के उक्त आदेश से पुनः इंस्पेक्टर राज वापस आएगा तथा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. इससे व्यापारियों और उद्यमियों में भय का वातावरण तैयार होगा तथा वे हतोत्साहित होंगे. श्री मुनका ने बताया कि चैम्बर ने उन्हें सुझाव दिया है कि जिन प्रतिष्ठानों, उद्योगों या व्यावसायियों से कर वसूलना है पहले उनके यहां एक नोटिस भेेजी जाए. निर्धारित समय सीमा के अंदर वे अगर कर का भुगतान नहीं करते हैं, तो आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए.
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पत्र में केन्द्रीय वित्त मंत्री को इस बात से अवगत कराया गया है कि ढाई वर्षों के कोरोना काल के कारण उद्योग-धंधों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. कई उद्यमी, व्यापारी त्रस्त रहे. किसी ने जहां अपना व्यापार खोया है, वहीं किसी ने अपना परिवार, सगे संबंधियों एवं मित्रों को खोया है. ऐसे दौर के बाद अब अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. लेकिन इस नए प्रावधान ने कारोबारियों के मन में भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है. उक्त प्रावधान राजस्वहित एवं राष्ट्रहित में नहीं है. इसलिए ऐसे रूढि़वादी कानून को वापस लिया जाए.
जीएसटी वसूली की वर्तमान व्यवस्था को बहाल रखने की मांग
चैम्बर अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में भी उद्यमी-व्यापारी वर्ग पूरी ईमानदारी से सरकार को टैक्स देते रहा. जिसके कारण जीएसटी का प्रतिमाह कलेक्शन के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं. यह आगे भी जारी रहे. इसलिए कर वसूली की वर्तमान व्यवस्था को लागू रखा जाना चाहिए. जिससे सरकार को राजस्व भी प्राप्त होता रहे तथा व्यापारी भी अपना कारेबार सम्मान से कर सकें.
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