NewDelhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में आयी भारी गिरावट को लेकर फिर बयान दिया है. वित्त मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस घटना से भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है.
How many times have the FPO not withdrawn from this country & how many times has the image of India been suffering because of that & how many times the FPOs have not come back?: Union Finance min Nirmala Sitharaman on FPO withdrawal pic.twitter.com/9UUlTNUuDU
— ANI (@ANI) February 4, 2023
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निर्मला सीतारमण सरकारी संस्थानों के बचाव में खड़ी हो गयी हैं
अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में आयी भारी गिरावट की वजह से संसद में विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. गिर रहे शेयरों की वजह से अडानी ग्रुप के मार्केट कैपिटलाइजेशन में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. अडानी के मामले पर मचे बवाल पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सरकारी संस्थानों के बचाव में खड़ी हो गयी हैं.
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रिजर्व बैंक ने अपना बयान जारी कर दिया है
उन्होंने साफ किया कि हमारा(भारत) विदेशी मुद्रा भंडार पिछले दो दिनों से बढ़ रहा है. कहा कि FII का आना-जाना और FPO का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अडानी के मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि नियामक अपना काम करेंगे. रिजर्व बैंक ने अपना बयान जारी कर दिया है. उन्होंने कहा कि पहले भी FPO वापस लिये गये हैं. बता दें कि शुक्रवार को संसद में विपक्षी सदस्यों ने अडानी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराये जाने की मांग को लेकर हंगामा किया.
देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है
अडानी प्रकरण में भारतीय रिजर्व बैंक निवेशकों की चिंताओं को दूर करते हुए कह चुका है कि देश की बैंकिंग प्रणाली लचीली और स्थिर बनी हुई है. आरबीआई ने कहा कि वह सतर्क है और देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता की निगरानी जारी है. रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि नियामक और पर्यवेक्षक के रूप में रिजर्व बैंक वित्तीय स्थिरता बनाये रखने की दृष्टि से बैंकिंग क्षेत्र और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है.
अडानी ग्रुप ने 20,000 करोड़ रुपये का FPO वापस लिया
बता दें कि अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) बुधवार वापस ले लिया था. 20,000 करोड़ रुपये के लिए ये FPO 27 जनवरी को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 31 जनवरी को फुल सब्सक्राइब होकर क्लोज हुआ था.
फॉलो-ऑन-पब्लिक ऑफर (FPO) को सेकेंडरी ऑफरिंग के रूप में भी जाना जाता है. यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसके तहत स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट कंपनी मौजूदा शेयरधारकों के साथ-साथ नये निवेशकों को नये शेयर जारी करती हैं.
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