Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा स्किल समिट 2018 और 2019 की जांच की घोषणा के बाद अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. राज्य ब्यूरोक्रेसी में इसे लेकर चर्चा तेज है. संभावना जतायी जा रही है कि निष्पक्ष जांच होने से कई वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. क्योंकि आयोजन में कई विभाग शामिल थे.
तत्काली मुख्य सचिव और सीएम के प्रधान सचिव रडार पर
ब्यूरोक्रेसी में चर्चा है कि 2018 और 2019 में हुए स्किल समिट के आयोजन के मुख्य कर्ता-धर्ता तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल थे. उन्होंने इस आयोजन में मुख्य भूमिका निभायी थी. इसलिए जांच के दौरान इन दोनों अधिकारियों की भूमिका भी स्पष्ट रूप से सामने आयेगी.
कई विभाग को होगा खंगालना
स्किल समिट का आयोजन रांची के खेल गांव में भव्य रूप में किया गया था. भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभिनेता रोहित राव और क्रिकेट कमेंटेटर चारु शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया था. अभिनेत्री महिमा चौधरी, टीवी एंकर रोहित राव और पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन शर्मा और 17 देशों के राजदूत व उच्चायुक्त ने कार्यक्रम में शिरकत की थी. दोनों स्किल समिट में 1.33 लाख युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया.
इसमें ग्रामीण विकास, नगर विकास, श्रम नियोजन, उद्योग, पर्यटन, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी समेत अन्य विभागों ने युवाओं को ऑफर लेटर दिलाया था. चर्चा है कि जांच एजेंसी को इन विभागों के रिकार्ड को भी अलग-अलग खंगलना होगा, तभी सच्चाई सामने आ पायेगी. जब सच्चाई सामने आयेगी, तो इन विभागों के तत्कालीन सचिव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी जांच के दायरे में आ जायेंगे.