Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्किल समिट-2018 और ग्लोबल स्किल समिट-2019 की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है. इन दोनों आयोजनों में युवाओं को दिए गए ऑफर लेटर और उनके नियोजन की अद्यतन स्थिति की जांच की जाएगी. पिछले दिनों विधानसभा में भी इस मामले को उठाया गया था और युवाओं को ठगने की बात कही गई थी.
विधायक प्रदीप यादव ने उठाया था मुद्दा
पंचम झारखंड विधानसभा के द्वितीय सत्र में स्किल समिट-2018 और ग्लोबल स्किल समिट- 2019 को लेकर विधायक प्रदीप यादव ने गंभीर सवाल उठाए थे. उन्होंने दोनों समिट का जिक्र करते हुए युवाओं को मिली नौकरी को लेकर अल्पसूचित प्रश्न में सवाल किया था. साथ ही सरकार से स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी. इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने जांच कराने का निर्णय लिया है.
1.33 लाख युवाओं को मिला था ऑफर लेटर
दोनों स्किल समिट में कुल 1.33 लाख से अधिक युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया था. स्किल समिट- 2018 में 26 हजार 674 युवाओं को ऑफर लेटर दिया गया था. इसमें उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा 15 हजार 869, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 2713, शहरी विकास एवं आवास विभाग द्वारा 3317, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा 4418, खनन भूतत्व और उद्योग विभाग द्वारा 198, पर्यटन, कला, संस्कृति खेल एवं युवा कार्य विभाग 159 युवाओं ऑफर लेटर दिया गया था.
इसी तरह ग्लोबल स्किल सम्मिट- 2019 में 1 लाख 6 हजार 619 लोगों को ऑफर लेटर मिला था. इनमें झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन सोसाइटी द्वारा 44 हजार 693, उच्च शिक्षा द्वारा 12 हजार 101, तकनीकी शिक्षा द्वारा 5 हजार 963, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 12 हजार 451, शहरी विकास एवं आवास विभाग ने 14 हजार 892, श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने 10 हजार 965, उद्योग विभाग ने 998 और कल्याण विभाग ने 4 हजार 556 लोगों को जॉब ऑफर लेटर दिए गए थे.