Ranchi/New Delhi: झारखंड हाईकोर्ट द्वारा ई पास की पेचीदगियों को खत्म करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज किये जाने के बाद अब इस मामले में देश ही सर्वोच्च अदालत की शरण ली गयी है. रांची के रहने वाले राजन सिंह ने ई-पास के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है. सुप्रीम कोर्ट में एओआर के जरिये यह एसएलपी दायर की गयी है. एसएलपी में सुप्रीम कोर्ट से अपील फाइल करने की अनुमति मांगी गयी है.
याचिका में कहा गया है कि ई-पास की गाइडलाइन में काफी पेचीदगियां हैं. इसलिए इसे रद्द किया जाना चाहिए,इसके साथ ही याचिका में अदालत से मांग की गयी है कि ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी दी जाये और ई-पास नहीं होने के कारण जिन लोगों से जुर्माना वसूला गया है उन्हें जुर्माने की राशि वापस की जाये एवं जिन लोगों के ऊपर ई-पास नहीं होने के कारण एफआईआर दर्ज हुई है उस एफआईआर को रद्द की जाये.
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बता दें कि इससे पहले भी राजन कुमार सिंह ने अपने अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के जरिये ई-पास की बाध्यता खत्म करने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी. लेकिन कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उनकी याचिका को खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार का यह कदम कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उठाया गया है और सरकार का यह नीतिगत निर्णय है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया था.