Agartala: भाजपा नेपाल और श्रीलंका में भी सरकार बनाने की योजना बना रही है. विवादास्पद बयान देने में माहिर त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब एक बार फिर सुर्खियों में हैं. बिप्लब के अनुसार अमित शाह जब भाजपा अध्यक्ष थे, तब उन्होंने हमें बताया था कि पार्टी अपना दायरा बढ़ाना चाहती है और नेपाल व श्रीलंका में शासन के लिए योजना बना रही है.
बिप्लब ने दावा किया कि अमित शाह ने राज्य अतिथि गृह में कई कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में यह बात कही थी. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में एक कार्यक्रम में सीएम ने यह बात उजागर की. इस क्रम में आम बजट की तारीफ करते हुए बिप्लब ने कहा, यह आत्मनिर्भर साउथ एशिया बनाने की तरफ कदम है. भारत की नीति और ऐक्शन बांग्लादेश, भूटान और नेपाल को आत्मनिर्भर बनाने में सक्षम है.
इसे भी पढ़ें : महाराष्ट्र के जलगांव में दर्दनाक सड़क हादसा, 16 लोगों की मौत, 5 लोग घायल
सीपीएम-कांग्रेस ने अलोकतांत्रिक बयान करार दिया
विपक्षी दल सीपीएम और कांग्रेस ने बिप्लब के बयान को अलोकतांत्रिक करार देते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस और सीपीएम ने कहा कि बिप्लब का बयान नेपाल और श्रीलंका जैसे संप्रभु देशों के खिलाफ बेहद अलोकतांत्रिक बयान है.
उनके बयान की जांच होनी चाहिए जिसमें उन्होंने अमित शाह के इन देशों की सत्ता हासिल की योजना का दावा किया है. अमित शाह को विदेशों में अपनी सरकार बनाने की योजना के दावे के बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.
इसे भी पढ़ें : दिशा रवि की गिरफ्तारी का विरोध, पी चिदंबरम ने कहा, एक टूलकिट चीनी घुसपैठ से भी खतरनाक हो गया है
सभी राज्यों में पार्टी की जीत के बाद विदेशी विस्तार पर बातचीत हुई
खबरों के अनुसार बिप्बल ने 2018 में त्रिपुरा विधानसभा चुनाव की तैयारी के दौरान उनकी ओर से की गयी बातचीत को साझा करते हुए कहा कि जब अमित शाह पार्टी अध्यक्ष थे, तब एक बैठक में भारत में सभी राज्यों में पार्टी की जीत के बाद विदेशी विस्तार के बारे में बातचीत हुई.
हम अतिथिगृह में बात कर रहे थे. अजय जम्वाल (भाजपा के उत्तर-पूर्व जोनल सचिव) ने कहा कि भाजपा ने कई राज्यों में अपनी सरकार बनाई. जवाब में अमित शाह ने कहा कि अभी श्रीलंका और नेपाल बाकी है. उन्होंने कहा हमें पार्टी का विस्तार करना है. हमें श्रीलंका और नेपाल में सरकार बनाने के लिए पार्टी का विस्तार करना है.
इसे भी पढ़ें : रेलवे प्लेटफार्म टिकट हुआ महंगा, अब देने होंगे 30 रूपये