Jamshedpur : सोनारी गुरुद्वारा में तारा सिंह को प्रधान चुने जाने के तरीके को संविधान के खिलाफ बताते हुए अब विपक्ष खुलकर सामने आ गया है. चुनाव कराने का मोर्चा सोनारी के दो बार प्रधान रहे गुरदयाल सिंह ने संभाल लिया है.
गुरदयाल सिंह ने कहा कि संगत को बदनाम करने का हक किसी को भी नहीं है. अपने लालच एवं बदनीयत को पूरा करने के लिए संगत का नाम लेना पाप एवं अनर्थ है. गुरुवार को गुरदयाल सिंह के आवास में हुई बैठक में बलबीर सिंह गिल मनजीत सिंह, हरजीत सिंह, एचएस बेदी बलवीर सिंह आदि ने अपने विचार रखे. सभी ने एक स्वर में कहा कि सोनारी में गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान चुनने की अपनी परंपरा, संविधान, नियम-उप नियम, विरासत है.
शुरू की डोर-टू-डोर कैंपेनिंग, डीसी, शैलेंद्र से करेंगे शिकायत
गुरदयाल सिंह ने कहा कि वे अब सोनारी की संगत से अपील कर रहे हैं कि हमें पूछने की बजाए खुद सामने आएं और गलत को गलत कह इसका विरोध करें. इसके साथ ही बैठक में तय किया गया कि वे सारी घटना की जानकारी लिखित रूप से सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह एवं वाइस चेयरमैन तथा सीनियर उपाध्यक्ष भगवान सिंह को दे रहे हैं. उनसे वे अपील भी कर रहे हैं कि वह दूध का दूध और पानी का पानी करें. लेकिन सोनारी में गलत परंपरा की शुरुआत नहीं होने दे. साथ ही वे डीसी से भी इसकी शिकायत करेंगे.
फूट डालो-राज करो की राजनीति कर रहे हैं गुरुदयाल सिंह
इधर, सीजीपीसी के चुनाव संयोजक सह वरीय उपाध्यक्ष दलजीत सिंह दल्ली एवं वरिष्ठ सलाहकार सरदार हरदयाल सिंह सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि सोनारी गुरुद्वारा का प्रधान तारा सिंह को दूसरी बार चुने जानें पर कुछ लोगों द्वारा यह कहना कि गुडां तत्वों द्वारा जबरन प्रधान बनाया गया है, यह निंदनीय है. संगत ने सर्वसम्मति से तारा सिंह के नाम पर मुहर लगाई है न कि किसी गुंडों ने. उन्होंने कहा कि सीजीपीसी का चुनाव 2018 में हुआ था और पिछली कमेटी ने चार्ज देने में देर की थी. तब अलग-अलग संस्था का गठन कर समाज में फूट डालने का काम किया गया था, जिसके बाद आमसभा में ही पास किया गया था कि जब चार्ज मिलेगा तब से कार्यकाल आरम्भ होगा और जो लोग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटने के बाद नई संस्था बनाकर समाज में फुट डालने का काम कर रहे हैं उन लोगों पर गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई गई है. दोनों प्रतिनिधियों ने कहा कि गुरदयाल सिंह की दुकानदारी बंद हो गई है. अब नए रोजगार की तलाश में गुरदयाल सिंह भाई-भाई के बीच में फूट डालकर राज करने की कोशिश कर रहे हैं.