Deoghar: पर्यावरण को लेकर आज भी कुछ लोग गंभीर हैं. वे अपने तरीके से समाज को संदेश देकर लोगों को जागरूक करने में लगे हैं. ऐसे ही एक पर्यावरणविद् हैं देवघर के रजत मुखर्जी. वे लंबे समय से पर्यावरण से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहे हैं. वे लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं.

वैसे तो सरकार तरफ से वृक्षारोपण के कार्यक्रम चलाये जाते हैं. लेकिन दूसरी तरफ पेड़ों की कटाई भी उसी तरीके से हो रही है. उस गति से पेड़ नहीं लगाये जा रहे हैं. इसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. लेकिन रजत मुखर्जी का मुहिम जारी है. बता दें कि एक समय 1973 में उत्तर प्रदेश के चमोली जिले में बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई बड़े ठेकेदारों द्वारा की जा रही थी. तब पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए किसान पेड़ों से चिपक जाते थे. इसीलिए उसे चिपको आंदोलन का नाम दिया गया था. अब फिर उसी तरह आंदोलन की जरूरत है.
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बिलासी पोस्ट ऑफिस में अवैतनिक काम किये
रजत मुखर्जी तकरीबन 30 वर्षों तक देवघर के बिलासी पोस्ट ऑफिस में अवैतनिक काम किये. आज के दौर में बिना पैसे के कोई सेवा करना नहीं चाहेगा. शहर में कहीं भी सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तो वहां पर उन्हें आमंत्रित किया जाता है. देवघर में कई छात्रों को इन्होंने फ्री में शिक्षा देने की मुहिम भी चलाई. वहीं रजत मुखर्जी का प्रेम पर्वावरण के अलावा बच्चों और पशुओं से भी है.
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पक्षियों की तस्वीरें बनाईं
यह उनकी पेंटिंग और डाक टिकटों को देखकर समझा जा सकता है. उन्होंने लगातार मीडिया को कहा कि लगभग 500 की संख्या में विभिन्न प्रकार की पक्षियों की तस्वीरें खुद बनाईं हैं. कहा कि इसकी प्रेरणा उन्हें मां से मिली. बचपन से ही इस प्रकार की एक्टिविटीज और तस्वीर देख कर संवेदना जगी. इसके बाद पर्यावरण के प्रति लगाव बढ़ता गया. उनका प्रकृति प्रेम अब भी जारी है.
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