Ranchi: झामुमो-कांग्रेस की सरकार को अंधेर नगरी चौपट राजा की उपाधि देते हुए भारतीय जनता पार्टी के हजरीबाग सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि दिशाविहीन हेमंत सरकार ने खजाना खाली कर दिया है, और बीजेपी पर बहाना बना रही है. अपनी अयोग्यता के कारण विफल झामुमो – कांग्रेस की सरकार केन्द्र को कोस रही है. 2020-21 के खराब बजट से कैपेक्स 29.8% घटा और राजस्व व्यय 10.6% बढा है. उधार में 8.3% की कमी आयी है, परंतु झामुमो- कांग्रेस सरकार द्वारा उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग नहीं किया गया.
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2020-21 के बजट में कैपेक्स में 29.8% की कमी आई जिसमें कैपिटल आउटले में 32.7% की गिरावट शामिल है. यह दर्शाता है कि अस्पतालों, सड़को, पुलों जैसी संपत्तियों के निर्माण पर कम खर्च किया गया। ग्रामीण विकास (45%), सिंचाई (45%) और परिवहन (27%) जैसे क्षेत्रों में आवंटन में भारी कमी देखी गई. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के समय जहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं व इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करना चाहिए, सरकार उसके विपरीत कैपेक्स को कम कर चल रही परियोजनाओं को भी लंबित छोड़ रही है. हजारीबाग, दुमका, पलामू, जमशेदपुर के 500 बेड वाले अस्पताल इस विफलता का जीवंत उदहारण हैं.
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राज्य सरकार का अक्षम वित्तीय प्रबंधन
सांसद जयंत सिन्हा ने झारखंड की इस परिस्थिति का जिम्मेदार राज्य सरकार की राजस्व संरचना को बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र से मिली प्राप्तियों के बावजूद, राज्य सरकार अपने उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाई है. 2020-21 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति 75,309 करोड़ होने का अनुमान है जो 2019-20 के संशोधित ऑकड़ों में 3.4% की वृद्धि है. इसमें से केवल 33,490 करोड़ (44%) राज्य को अपने स्वयं के संसाधनों के माध्यम से जुटाने हैं. जबकि 41,819 करोड़ (56%) केंद्र से अनुदान के रूप में और राज्य के कर के हिस्से के रूप में आएगा. 15वें वित्त आयोग की केंद्र द्वारा राज्यों को हस्तांतरण की श्रेणी के अंतर्गत झारखंड के फंड में 26% की वृद्धि हुई है, जिससे ₹20,593 करोड़ (वित्तीय वर्ष 19 संशोधित अनुमान) की राशि बढ़कर 25,980 करोड़ हो गयी है. इस प्रकार, कुल मिलाकर, 15वें वित्त आयोग की सिफारिशें केंद्र द्वारा राज्य में अधिक राशि आवंटन सुनिश्चित कर रही है.
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NDA सरकार ने भरा था खजाना और मजबूत आर्थिक स्थिति सौंपी थी
रघुवर दास के नेतृत्व में NDA सरकार के दौरान, राजस्व प्राप्तियों में लगातार वृद्धि हुई. 2018-19 की तुलना में 2019-20 के लिए राजस्व प्राप्तियों में 29.7% की वृद्धि हुई. इसी अवधि के लिए पूंजी प्राप्तियों में भी 28.8% की वृद्धि हुई. NDA की डबल इंजन सरकार ने राज्य में सुनिश्चित किया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में कर्ज व जी.एस.डी.पी. अनुपात 30% की सीमा से नीचे, 27.1% की दर पर रहे. इसी दौरान रेवेन्यू सरप्लस दर जी.एस.डी.पी. की 1.91% रही. एफ.आर.बी.एम, एक्ट के तहत झारखंड ने सफलतापूर्वक राजस्व घाटे को खत्म कर आय में वृद्धि की थी. इस दौरान राजस्व घाटा जी.एस.डी.पी. के 2.28% रहा, जो एफ.आर.बी.एम. एक्ट के 3% दर की सीमा के अंदर थी. उन्होंने कहा कि एन.डी.ए. सरकार के रिफॉर्म के कारण पिछले 5 वर्षों में खनन से होने वाले लाभों में लगातार वृद्धि हुई. 2020-21 की अनुमानित खनन रसीद राशि 8,000 करोड़, झारखंड की कुल राजस्व प्राप्ति का 15.6% है.