Ranchi : देश के कई राज्यों में कार्यरत अनुबंधकर्मी आज भी अपने मानदेय को बढ़ाने को लेकर आंदोलनरत हैं. इसके उलट झारखंड में आज कई ऐसे कर्मी हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा तय दर से अधिक मानदेय दिया जा रहा है. ऐसे वर्गों में मनरेगाकर्मी, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षकेत्तर कर्मियों, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मिड डे मील) योजना में महिला रसोइया सह सहायिका के मासिक मानदेय शामिल हैं.
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मिड डे मिल में 1000 रुपये अतिरिक्त मानदेय देती है राज्य सरकार
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मिड डे मील) योजना में महिला रसोइया सह सहायिका के मासिक मानदेय में भी हेमंत सरकार ने बढ़ोतरी की है. वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इन्हें 1000 रुपये मासिक मानदेय का प्रावधान है. इसमें केंद्र और राज्य का हिस्सा 600 : 400 रुपये निर्धारित है. इससे अलग राज्य सरकार रसोइया सह सहायिका को एक हजार रुपये अतिरिक्त मानदेय देती है. 2020 में 500 रुपये अतिरिक्त मानदेय रसोइया सह सहायिका को देती थी. इससे उन्हें प्रतिमाह मानदेय के रूप में 1500 रुपये का भुगतान होता था. अप्रैल 2021 से अतिरिक्त राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दी है. यानी महिला रसोइया सह सहायिका को प्रतिमाह 2000 रुपये दिये जा रहे हैं.
मनरेगा मजदूरी में राज्य ने की है 31 रुपये की बढ़ोतरी, मिलता है 225 रुपये
राज्य के मनरेगा कर्मियों की मजदूरी दर को देखें, तो राज्य सरकार ने प्रदेश के 30 लाख मनरेगा मजदूरों को केंद्र सरकार द्वारा तय दर से बढ़ाकर न्यूनतम मजदूरी 225 रुपये कर दी है. केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी 194 रुपये निर्धारित की हुई है. यानी केंद्र के मजदूरी में सीधे 31 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी.
लेखापाल, रसोइयों और रात्रि प्रहरी को भी मिल रहा बढ़ोतरी के साथ मानदेय
इसी तरह कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकेत्तर कर्मियों के मानदेय में भी समय-समय पर राज्य सरकार बढ़ोतरी कर रही है. वर्तमान में इन कर्मियों का मानदेय केंद्र द्वारा तय दर से अधिक है. इसमें लेखापाल को केंद्र द्वारा तय 16,000 की तुलना में राज्य सरकार 18,000 मानदेय दे रही है. वहीं रसोईयों को 6000 की जगह 12,000 और रात्रि प्रहरी को 5000 की जगह 12,000 मानदेय दिया जा रहा है.
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