Ranchi: झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें मिलनी हैं. पहली से 10वीं कक्षा तक पढ़ने वाले करीब 40 लाख बच्चों को किताब देना है. मगर अबतक मात्र 16 लाख बच्चों को ही किताब मिल पाया है. प्रदेभर में 24 लाख बच्चों को अबतक किताबें नहीं मिल पायी हैं. सत्र 2021-22 में बच्चों की किताबें उनके घरों तक पहुंचाने की योजना है. मगर कोरोना की वजह से किताब वितरण काम पूरी तरह से ठप हो गया था.
प्रदेशभर में अभी भी सुरक्षा सप्ताह के तहत लॉकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में किताबों के वितरण के लिए शिक्षा विभाग ने गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग से परामर्श मांगा था. आपदा प्रबंधन विभाग ने किताबों के वितरण की अनुमति दे दिया है. शिक्षा विभाग ने किताबों के वितरण में तेजी लाने का निर्देश अफसरों को दे दिया है. लॉकडाउन के कारण पढ़ाई बाधित न हो, किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए किताब बच्चों के घर तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया है.
इसे भी पढ़ें – SC ने पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ देशद्रोह का मामला रद्द किया, यूट्यूब कार्यक्रम को लेकर हुआ था केस
जल्द शुरू होगा किताब वितरण कार्य, प्रखंड में किताबों का स्टॉक
झारखंड राज्य शिक्षा परियोजना के निदेशक शैलश कुमार चौरसिया के अनुसार जल्द किताबों का वितरण प्रदेशभर में शुरू हो जाएगा. बच्चों की किताबें प्रखंड में स्टॉक है. अप्रैल माह में ही किताबें प्रखंड तक पहुंचा दी गई थी. इसके बांटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी. मगर अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर आ जाने के कारण ये काम पूरी तरह प्रभावित हो गया था. गृह कारा व आपदा प्रबंधन विभाग से अनुमति मिलने के बाद इसे दोबारा से शुरू किया जाएगा. किताब वितरण की तैयारी अंतिम चरण में है. कहीं-कहीं वितरण काम भी शुरू होने की जानकारी मिली है.
स्कूल प्रबंधन समिति के जिम्मे है किताब वितरण का काम
झारखंड में बच्चों को किताबें मिले, इसके लिए स्कूल प्रबंधन समिति ने काम शुरू कर दिया है. किताबों को छपवाने से लेकर उसे जिला तक पहुंचाने की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक की होती है. जिले से प्रखंड तक किताब जिला शिक्षा पदाधिकारी की देखरेख में पहुंचती है. वहां से किताब स्कूल आ जाने के बाद स्कूल प्रबंधन समिति की देखरेख में किताबों का वितरण होता है.
इसे भी पढ़ें – कोविड से मृत लोगों के शव परिजनों को देने की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा विस्तृत शपथपत्र