Ranchi : राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज कहे जाने वाले रिम्स जहां नामांकन पाना हर मेडिकल स्टूडेंट्स का सपना होता है. वहां भी जूनियर डॉक्टरों को कई बुनियादी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. हॉस्टल वार्डेन की निष्क्रियता की वजह से आये दिन वाटर प्यूरीफायर खराब रहता है. जिससे छात्रों को पानी तक खरीद के पीना पड़ता है.
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होस्टल में नहीं मिलता बेहतर खाना
होस्टल में गीजर नहीं होने की वजह से सर्दी में भी ठंडे पानी से छात्र नहाने को मजबूर है. मेस की सही सुविधा नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मेस में मिलावट के मसाले, जले हुए तेल और निम्न कोटि के समान इस्तेमाल किया जाता हैं, जिसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है.
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डॉक्टरों के फिट रहने की नहीं है व्यवस्था
रिम्स में छात्रों के शारीरिक व्ययाम के लिए परिसर में जिम की सुविधा नहीं है. इतने बड़े मेडिकल कॉलेज जहां 1500 से ज्यादा डॉक्टर अपनी सेवा देते हैं और लोगों को फिट रहने का टिप्स देते है उनके पास ही नहीं है फिट होने की कोई व्यवस्था. इतने पड़े अस्पताल में एक जिम तक नहीं हैं.
जब चिकित्सक ही स्वस्थ्य नहीं रहेंगे तो राज्य के लोग कैसे स्वस्थ्य रह सकते हैं. सरकार को इस विषय में जल्द से जल्द विचार करना चाहिये, ताकि रिम्स में एक स्वास्थ्य वातावरण बन सके और राज्य के चिकित्सक भी स्वस्थ्य रह सकें.
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