Virendra Rawat
Ranchi : रांची विश्वविद्यालय में पिछले 3 सालों से छात्र संघ चुनाव नहीं होने से छात्रों में काफी नाराजगी है. छात्र नेताओं ने कहा है कि लोकसभा विधानसभा, विधानसभा चुनाव, निकाय के चुनाव यहां तक कि पंचायत के चुनाव भी सरकार करा लेती है. पर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव करा पाने में विश्वविद्यालय प्रशासन फेल है. छात्र नेताओं ने कहा कि छात्र चुनाव नहीं होने से छात्रों के सवाल अधिकारियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे विद्यार्थी अपनी परेशानियों को लेकर अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. फिलहाल एडमिशन का दौर है और इस दौर में सबसे अधिक परेशानियों का सामना विद्यार्थियों को करना पड़ रहा है. क्योंकि एडमिशन के दौरान कई तकनीकी समस्याएं छात्रों को झेलनी पड़ती हैं, जिससे निपटने के लिए छात्र संघ के प्रतिनिधि होते हैं. लेकिन फिलहाल छात्र संघ के प्रतिनिधि नहीं होने से छात्रों की परेशानियों का निपटारा नहीं हो पा रहा है और अधिकारी अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.
एडमिशन समाप्त होते ही शुरू होगी प्रक्रिया – VC
रांची विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर कामिनी कुमार ने कहा कि इस बार एडमिशन समाप्त होने के बाद छात्र संघ चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी. चुनाव समय पर होने बेहद जरूरी हैं. इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 का असर कम होते ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जायेंगे. और सरकार के आदेश मिलते ही हम छात्र संघ चुनाव की घोषणा कर देंगे. उम्मीद है कि इस बार छात्र संघ चुनाव होने से छात्रों को होने वाली परेशानियों को कम किया जायेगा.
जानिए क्या है छात्र नेताओं की राय
रांची विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि चुनाव नहीं होने से छात्रों की समस्या का हल नहीं हो पा रहा है. छात्रों की समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही है और छात्र अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं. छात्र प्रतिनिधि होने से अधिकारियों पर दबाव होता है और अधिकारी छात्रों की बात सुनते हैं. जिससे विद्यार्थियों की परेशानी दूर हो जाती है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नेता अटल पांडे ने कहा कि दो साल से सीनेट और सिंडिकेट के सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है. बिना सीनेट और सिंडिकेट के सदस्यों के नियुक्ति के विश्वविद्यालय प्रशासन कई फैसले ले चुकी है. जबकि यह पूरी तरह से गलत है. छात्र हित में जो भी फैसले लिए जाते हैं, पहले छात्र प्रतिनिधियों से उसपर राय ली जाती है और उसके बाद उस फैसले को अमल किया जाता है. सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएं.
आजसू छात्र संघ के नेता ओम वर्मा ने बताया कि हम और हमारा संगठन लगातार रांची विश्वविद्यालय पर छात्र संघ चुनाव कराने को लेकर दबाव बना रहे हैं. पर रांची विश्वविद्यालय हमारी एक नहीं सुन रहा है. हम जल्द रांची विश्वविद्यालय की कार्यशैली के खिलाफ आंदोलन करेंगे. साथ ही यह दबाव बनाया जाएगा कि जल्द से जल्द छात्र संघ चुनाव कराये जाएं.
एनएसयूआई के नेता इंद्रजीत सिंह ने कहा कि छात्र संघ चुनाव नहीं होने से छात्रों में एकजुटता की भी कमी दिखाई पड़ रही है. जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों के जो विद्यार्थी हैं उनकी समस्या विश्वविद्यालय तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. हम सरकार और रांची विश्वविद्यालय से मांग करते हैं कि जल्द छात्र संघ का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कोविड-19 के बीच सभी गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए हो. इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जब कोविड-19 के बीच विधानसभा, लोकसभा और निकाय के चुनाव हो सकते हैं तो फिर छात्र चुनाव क्यों नहीं हो पा रहे हैं, क्या छात्रों के मुद्दे महत्वपूर्ण नहीं हैं. उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव नहीं होने से छात्रों के बीच काफी नाराजगी है.
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