NewDelhi : पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार साल 2016 से लगातार फेल रही है. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अर्थव्यवस्था को लेकर अपनी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हल्ला बोला है. भाजपा सांसद बिजनेस वेबसाइट बिजनेस टुडे को इंटरव्यू दे रहे थे. उनका कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए आय पर लगने वाला कर Income Tax खत्म कर दिया जाना चाहिए.
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कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करेगा.
बजट 2022 को लेकर उनसे पूछा गया कि आप वित्त मंत्री होते, तो कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए तत्काल कौन से नीतिगत निर्णय लेते? उनका जवाब था कि सबसे पहले मैं घोषणा करता कि एक अप्रैल से प्रभावी होने तक (जब तक हम वापस सामान्य नहीं हो जाते) कोई भी आयकर का भुगतान नहीं करेगा. एक बार जब स्थिति सामान्य हो जाती है तो मुझे लगता है कि हमें इसे स्थायी बनाना शुरू कर देना चाहिए. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मैं ऋण पर ब्याज दरों को वर्तमान प्रमुख उधार दर 12 प्रतिशत से घटाकर नौ प्रतिशत कर देता. वह भी हमारे हाथ में है.
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बैंक सावधि जमा की ब्याज दरें नौ प्रतिशत कर सकते हैं
बैंक ऐसा कर सकते हैं और सावधि जमा की ब्याज दरों को वर्तमान छह प्रतिशत से बढ़ाकर नौ प्रतिशत कर सकते हैं, ताकि लोग ज्यादा बचत करें.कहा कि एक समय हम जीडीपी का 36 फीसदी बचा रहे थे और 80 फीसदी घरेलू उद्योगों से, पर आज हम घटकर 31 फीसदी पर आ गये हैं. इसका मतलब समझाते हुए कहा कि आपका निवेश भी कम है क्योंकि निवेश बचत से आता है. स्वामी ने ब्याज दरें कम करने की बात कही.
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नितिन गडकरी जितनी सड़कें बना सकते हैं, बनायें
इस क्रम में कहा मैं केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से कहूंगा कि वे जितनी सड़कें बना सकते हैं, बनायें और हम इसके लिए पैसे देंगे, नोट छापेंगे. लेकिन मुझे कहना होगा कि मोदी सरकार जून 2016 से विफल रही, क्योंकि अगर आप जीडीपी वृद्धि की योजना बनाते हैं तो यह 2016 से आठ प्रतिशत से गिरकर तीन प्रतिशत पर आ रही है. यह पूछे जाने पर कि भारत पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था जो मोदी सरकार का बड़ा सपना है, का लक्ष्य हासिल करने के लिए क्या ग्रोथ रेट होनी चाहिए और हम इसे कैसे पा सकते हैं?
हमें हर साल 14.8 प्रतिशत की विकास दर की जरूरत
इस सवाल पर जवाब मिला कि पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए हमें हर साल 14.8 प्रतिशत की विकास दर की जरूरत है. मुझे लगता है कि पीवी नरसिम्हा राव के आने पर भारत संभावित रूप से उस विकास दर को हासिल करने में सक्षम था. उन्होंने आठ प्रतिशत की विकास दर का उत्पादन किया, क्योंकि उन्होंने जो कुछ किया उसका मकसद लोगों को सशक्त बनाना था. भारत की विकास क्षमता का प्रदर्शन नरसिम्हा राव ने किया है. हम भविष्य में भी प्रदर्शन कर सकते हैं और अगले 10 वर्षों में चीन से आगे निकल सकते हैं.
लोगों की राय, 2.5 लाख से बढ़ सकती है IT छ्रट की सीमा
ज्यादातर लोगों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ायी जा सकती है, केपीएमजी इंडिया (KPMG India) के एक सर्वे में यह राय उभरकर सामने आयी है. जान लें कि आम बजट एक फरवरी को पेश किया जायेगा. बजट से पहले केपीएमजी द्वारा किये गये सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि 80सी कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है. 19 प्रतिशत का कहना था कि वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की सीमा मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ायी जा सकती है.