NewDelhi : भाजपा के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए हो रही नीलामी की प्रक्रिया में धांधली होने का आरोप लगाया. इस मामले में स्वामी ने यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया से बात करते हुए इसके खिलाफ अदालत जाने की बात भी कही है.
Air India bid rigged, needs to be scrapped: BJP MP Subramanian Swamy https://t.co/rLQh7iVeos
— Subramanian Swamy (@Swamy39) September 14, 2021
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स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह और टाटा समूह ने बोली लगाई है
बता दें कि सरकार ने आर्थिक संकट से जूझ रही एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की घोषणा पिछले साल की थी. इसके लिए स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह और टाटा समूह ने बोली लगाई है. हालांकि इस मामले में दोनों कंपनियों ने आधिकारिक तौर पर अबतक कुछ नहीं कहा है. मोदी सरकार भी इस मामले में कुछ बोलने से बच रही है. स्वामी ने यूएनआई से बात करने के क्रम में एयर इंडिया के लिए वित्तीय बोलियां जमा करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर से पूर्व प्रक्रिया रद्द करने की मांग की है. कहा कि यह बोली पहले से ही अवैध है. न्यूनतम आवश्यकता दो बोलीदाताओं की है और स्पाइसजेट वास्तव में एक बोलीदाता नहीं है. यह धांधली है.
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स्वामी ने कहा कि वह इस मामले में जरूर अदालत जायेंगे.
सुब्रमण्यन स्वामी का कहना था कि स्पाइसजेट बहुत बड़ी वित्तीय समस्या से घिरी हुई है. वह किसी अन्य एयरलाइन को चलाने की स्थिति में नहीं है. स्वामी ने कहा कि स्पाइसजेट एयर इंडिया के साथ विलय नहीं कर सकता है. ऐसे में यह बोली फर्जी है और इसका कोई आधार ही नहीं है. साथ ही उन्होंने टाटा को अयोग्य करार देते हुए कहा, पहले से ही एयर एशिया (इंडिया) मामले में संकट में हैं और उस पर एक अदालती मामला भी चल रहा है. मैं इसे पहले ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय को लिखित रूप में बता चुका हूं. स्वामी ने कहा कि वह इस मामले में जरूर अदालत जायेंगे.
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सार्वजनिक उद्यमों को बेचना मानसिक दिवालियापन है
थोड़ा पीछे जायें तो कुछ दिन पहले स्वामी ने सार्वजनिक उद्यमों को बेचे जाने पर सवाल खड़े किये थे. कहा था कि ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है. स्वामी ने ट्वीट कर किया था कि जब देश की अर्थव्यवस्था में गहरी गिरावट हो रही है ऐसे समय में सार्वजनिक उद्यम को बेचना मानसिक दिवालियापन और हताशा का संकेत है. यह एक अच्छी सोच नहीं है. मोदी सरकार इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सीएसओ के आंकड़े बताते हैं कि 2016 के बाद से जीडीपी की ग्रोथ माही तिमाही दर साल गिरती रही है.