New Delhi : देश में एक बार फिर कोरोना के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिली है. दैनिक COVID-19 मामलों की संख्या पिछले दिन से सोमवार को लगभग दोगुनी होकर एक महीने में पहली बार 2,000 से अधिक हो गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक केरल में महामारी से हुई मौतों की संख्या में भी उछाल आया है. कुछ राज्यों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पाबंदियां भी बढ़ा दी गई हैं.
राजधानी में 24 घंटे में कोरोना के 501 केस मिले
दिल्ली में कोरोना के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है. सोमवार को राजधानी में 24 घंटे में कोरोना के 501 केस मिले हैं. इसी के साथ दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 7.72% तक पहुंच गई है. दिल्ली में पिछले 24 घंटे में सिर्फ 6492 टेस्ट किए गए थे. इसके बावजूद 501 लोग पॉजिटिव मिले हैं. जबकि रविवार को 517 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. हालांकि, राहतभरी खबर ये रही कि किसी की कोरोना से मौत नहीं हुई. लेकिन टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा होना खतरनाक माना जाता है. दिल्ली में ये परसेंट करीब 8 तक पहुंच गया है. सोमवार को 290 मरीजों को स्वस्थ होने पर डिस्चार्ज किया गया.
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दिल्ली और उत्तर प्रदेश में बढ़ी पाबंदियां
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर सावधानियां बढ़ा दी गई हैं. भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य (यूपी) के कुछ जिलों में सार्वजनिक स्थानों पर फिर से मास्क अनिवार्य कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को कोरोना के 2,183 नए मामले सामने आए हैं. वहीं, इस दौरान 214 कोरोना मौतें दर्ज की गई हैं. केंद्र सरकार ने बताया कि केरल ने 13 अप्रैल के बाद से कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा नहीं भेजा था. पांच दिनों के गैप के कारण मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा दिख रहा है. आंकड़ो में अचानक आए उछाल को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि रोजाना और सावधानीपूर्वक कोविड का आंकड़ा भेजा जाना बेहद जरूरी है.
अब तक कोरोना से 522,000 लोगों की मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कोरोना से 522,000 लोगों ने जान गंवाई है. लेकिन कई वैश्विक विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में कोरोना से हुई मौतों की संख्या 40 लाख से ज्यादा हो सकती है. भारत सरकार इन अनुमानों को बार-बार खारिज करते आ रही है. भारत सरकार का मानना है कि छोटे देशों में मौतों का अनुमान लगाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गणितीय मॉडल पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि भारत की जनसंख्या बहुत ज्यादा है.
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