New Delhi : ओड़िशा रेल हादसे पर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गयी है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम मोदी से नौ सवाल पूछते हुए कहा है कि रेल मंत्री को तुरंत हटा दिया जाना चाहिए. सुरजेवाला ने कहा कि अब तक 288 लोगों की जान जा चुकी है और 56 लोग जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई भी हादसे का जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया गया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
The #OdishaTrainTragedy has now claimed 288 precious lives, 56 people are struggling for life & 747 are seriously injured. It is India’s most devastating train accident.
QUESTION 1. – Who is responsible?
QUESTION 2.👇
Should we just pray to God (as PM Modi says) or demand…— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 3, 2023
सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने फरवरी में इंटरलॉकिंग की विफलता के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की थी. कहा था कि अगर सिग्नल रखरखाव प्रणाली की निगरानी नहीं की गयी और इसे तुरंत ठीक नहीं किया गया, तो इससे गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं. सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मंत्री ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
रेल मंत्री अधिकारियों की चिंता से अनभिज्ञ क्यों थे?
सुरजेवाला ने पीएम मोदी से पूछा कि रेल मंत्री और रेल मंत्रालय अधिकारियों की चिंता से अनभिज्ञ या लापरवाह क्यों थे? रेलवे द्वारा दिये गये एक आरटीआई जवाब में कहा गया है कि 39 रेलवे जोनों में से अधिकतर के पास आवश्यक मानव संसाधन की कमी है? पूछा कि क्या यह सही नहीं है कि रेलवे में ग्रुप सी के 3,11,000 पद खाली हैं जिससे रेल सुरक्षा के साथ-साथ परिचालन क्षमता भी खतरे में है? कहा कि रेलवे में 18,881 गजेटेड कैडेट के पदों में से 3,081 पद खाली पड़े हैं?
ट्रेन दुर्घटना सिग्नलिंग प्रणाली की विफलता के कारण हुई
कांग्रेस नेता के अनुसार प्रारंभिक समाचार रिपोर्टों से सामने आया है कि बालेश्वर ट्रेन दुर्घटना सिग्नलिंग प्रणाली की विफलता के कारण हुई, पर रेल मंत्री और रेल मंत्रालय सिग्नल प्रणाली की विफलता पर दी गयी महत्वपूर्ण चेतावनी से अनभिज्ञ थे. इसलिए जिम्मेदार करार देते हुए रेल मंत्री को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.
इस क्रम में सुरजेवाला ने कहा कि हाल के दिनों में कई मालगाड़ियों के पटरी से उतरने की बात सामने आयी थी. इन हादसों में कई लोको पायलट मारे गये. पूछा कि रेल सुरक्षा पर मिल रही चेतावनी पर रेल मंत्री और रेल मंत्रालय ने पहले ही उचित कदम क्यों नहीं उठाये.
रेल मंत्री प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए अधिक चिंतित हैं?
सुरजेवाला ने पूछा कि क्या यह सही है कि रेल मंत्री रेलवे सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर मार्केटिंग और प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए अधिक चिंतित हैं? क्या रेल मंत्री यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के कठिन काम को देखने के बजाय प्रधानमंत्री से वंदे भारत ट्रेनें शुरू कराने, रेलवे स्टेशनों के नवीनीकृत तस्वीरें ट्वीट करने और राजस्व बढ़ाने में व्यस्त हैं? आवश्यक मानव संसाधनों, गैंगमैन, स्टेशन मास्टर, लोको पायलट आदि की कमी के कारण तो रेलवे सुरक्षा का खतरा नहीं बढ़ रहा. क्या यह सही नहीं है कि पिछले वर्ष की 35 भयानक दुर्घटनाओं की तुलना में वर्ष 2022-23 में 48 बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुईं है?
ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (कवच) क्यों लागू नहीं की गयी
सुरजेवाला का कहना था कि ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (टीसीएएस) जो कवच कहा जाता है, रेलवे में क्यों लागू नहीं किया गया है? केवल 2 फीसद रेल नेटवर्क यानी 68,000 किमी रेलवे नेटवर्क में से 1,450 किलोमीटर ही कवच द्वारा कवर किया गया है? यह भी पूछा कि रेल मंत्रालय ने रेल सुरक्षा आयोग की शक्तियों में कटौती करके उसे फालतू क्यों बना दिया है?
CAG रिपोर्ट (2021) के अनुसार राष्ट्रीय रेल सुरक्षा फंड का 20 फीसद ही गैर-सुरक्षा उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया था और पर्याप्त राशि का उपयोग नहीं किया गया था? पूछा कि रेल मंत्री पर आईटी और टेलीकॉम जैसे बड़े मंत्रालयों का बोझ क्यों है. क्या यह रेलवे सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल रहा?
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