Tantnagar / Chaibasa : तांतनगर नदी में जलस्तर घटते ही प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों से बालू का अवैध उत्खनन का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. पीएम व सरकारी योजनाओं समेत निजी मकान बनाने के लिए बालू का उठाव भले ही लगभग दो साल से बंद है, लेकिन बालू माफिया द्वारा अवैध खनन का काम जारी है. नदी से अवैध बालू खनन होने से न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है बल्कि राजस्व की क्षति हो रही है. वहीं, अवैध खनन को रोकने में प्रशासन भी मौन धारण किया हुआ प्रखंड को सीमांकित करने वाले खरकई नदी के तांतनगर, सिदमा, मुड़दा, कुम्बराम, इलीगाड़ा, चिटीमिटी सहित अन्य गांवों के बालू क्षेत्रों पर माफिया द्वारा दिन-रात अवैध बालू खनन जारी है. ट्रेक्टर के जरिये नदी से उठाव कर बालू को चाईबासा, चक्रधरपुर, झींकपानी, टोंटो आदि क्षेत्रों में भेजकर अधिक दामों में बेचा जाता है.
बालू माफियाओं की वजह से ग्रामीणों में भारी आक्रोश
बालू माफियाओं के इस कारनामे से ग्रामीण भी काफी परेशान और आक्रोशित हैं. ग्रामीणों की मानें तो जिस स्तर में बालू खनन हो रहा आने वाले समय में प्रधानमंत्री आवास व अन्य योजनाओं समेत निजी मकान बनाने तक के लिए बालू नसीब नहीं होगा. ग्रामीणों ने बताया कि रात में बालू खनन में लगे ट्रेक्टरों की आवाज से काफी परेशान हैं. माफियाओं की दबंगता से ग्रामीण आवाज नहीं उठा पाते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि बालू माफिया को पुलिस प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है. एनजीटी की रोक के बावजूद भी इन बालू घाटों से अवैध खनन और परिवहन का धंधा नहीं रुकता. अब नदी घाट पर कंकड़ पत्थर और मिट्टी ही नजर आ रहा है.
बालू घाटों से अवैध बालू खनन का धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध बालू उत्खनन को बंद कराने के लिए मैं कई बार खनन विभाग, उपायुक्त समेत मुख्यमंत्री से भी लिखित शिकायत कर चुकी हूं. लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होती है. जिस कारण बालू माफियाओं का हौसला बढ़ा है. आज स्थिति ऐसा है कि अवैध बालू खनन के खिलाफ बोलना ही गुनाह जैसा लगता है.
बलेमा कुई, मुखिया, तांतनगर पंचायतप्रखंड क्षेत्र की नदी से बालू के अवैध खनन की जानकारी नहीं है. खनन विभाग इस संबंध में बेहतर बता पायेगा.
अनंत कुमार, बीडीओ तांतनगर