Jamshedpur : मंगलवार से टाटा स्टील के जमशेदपुर स्थित वर्कशॉप में कार्बन कैप्चर प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रति दिन पांच टन की क्षमता वाला यह प्लांट देश की किसी भी स्टील कंपनी में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में स्थापित किया गया पहला प्लांट है. यह कंपनी के ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले कार्बन डाई ऑक्साइड से कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा. कार्बन कैप्चर और यूटिलाइजेशन सीसीयू तकनीक पर आधारित इस प्लांट में कार्बन को शोषित कर उसे दुबारा प्रयोग में लाया जा पाना संभव हो सकेगा. कार्बन डाई ऑक्साइड को फिर से गैस नेटवर्क में भेजा जाएगा. इस प्रोजेक्ट को कार्बन क्लीन तकनीक की मदद से चलाया जाएगा जो दुनिया में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की तकनीक में काफी आगे है.
हाइड्रोजन इकॉनोमी की ओर बढ़ने के रास्ते तलाशने पर ध्यान
मंगलवार को सीसीयू प्लांट का उदघाटन टाटा स्टील के एमडी और सीइओ टीवी नरेंद्रन ने कंपनी के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने टाटा समूह के मूल्यों के अनुसार डिकार्बोनाइजेशन की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है. हम बेहतर कल की दिशा में औद्योगिक नेतृत्व प्रदान करते हुए नए मापक स्थापित करते रहेंगे. स्टील उद्योग में स्थिरता के लिए खासकर भारत जैसे विकासशील देश में यह बेहद जरूरी है कि कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकने और उसे उपयोग करने के लिए किफायती उपाय खोजें. हम इस क्षेत्र में आगे तभी बढ़ते रह सकते हैं जब हम उत्सर्जन को कम करें, क्लीन एनर्जी के किफायती तरीके अपनाएं, और चक्रीय आर्थिक उपाय तलाशें. उन्होंने कहा कि कार्बन डाई ऑक्साइड के इस पांच टन प्रति दिन कैप्चर प्लांट के जरिए हमें पर्याप्त डाटा उपलब्ध हो सकेंगे, जिसके जरिए भविष्य में हम इससे बड़े सीसीयू प्लांट लगाने की दिखा में बढ़ सकेंगे. हमारा अगला लक्ष्य सीओ2 गैस को उत्सर्जन से रोकने के साथ-साथ उसेे उपयोग के साथ जोड़ना होगा. इस मौके पर कार्बन क्लीन की सीईओ अनिरुद्ध शर्मा ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि हमारी योजना ना सिर्फ कार्बन कैप्चर प्रोजेक्ट की संख्या को बढ़ाना है बल्कि हम हाइड्रोजन इकॉनोमी की ओर बढ़ने के रास्ते तलाशने पर ध्यान दे रहे हैं.