LagatarDesk:टेलीकॉम कंपनियां दिसंबर के अंत या जनवरी में मोबाइल टैरिफ में 20% की बढ़ोतरी कर सकती हैं. टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि लगातार घाटे के कारण वे टैरिफ बढ़ाने पर मजबूर हैं. भारती एयरटेल भी मोबाइल टैरिफ में वृदिध् कर सकता है. लेकिन दोनों कंपनियां अपने Competitor रिलाइंस जियो के निर्णय के बाद ही फैसला लेंगे.
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, वोडाफोन कंपनी दिसंबर के अंत तक या जनवरी में मोबाइल टैरिफ में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है. गौरतलब है कि एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) के कारण इस साल टेलीकॉम कंपनियों को काफी घाटा हुआ है.
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टैरिफ बढ़ोतरी के कारण
अनुमान लगाया गया है कि AGR और अन्य कारणों की वजह से टेलीकॉम कंपनियों को जो घाटा हुआ है, उसकी भरपाई करने को लिए उन्हें टैरिफ में बढ़ोतरी करनी पड़ रही है. लेकिन कंपनियां एक ही बार में इतनी अधिक बढ़ोतरी नहीं कर सकती हैं इसलिए वे धीरे-धीरे 3-4 बार में टैरिफ बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं. इससे पहले 3 प्रमुख कंपनियों ने दिसंबर 2019 में अपना मोबाइल टैरिफ बढ़ाया था. 2016 में रिलायंस जियो के मार्केट में आने से टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वार शुरु हो गई थी.
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क्यों हो रहा कंपनियों को घाटा
सरकार द्वारा वसूले जाने वाले AGR के कारण टेलीकॉम कंपनियों को काफी घाटा हुआ है. वोडाफोन आइडिया को पिछले साल की दूसरी तिमाही में सबसे अधिक 50921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
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टेलीकॉम कंपनियों की औसत रेवेन्यू
सितंबर 2020 के आंकड़ों के अनुसार प्रति ग्राहक सबसे ज्यादा कमाई भारती एयरटेल ने की थी. इसकी प्रति ग्राहक औसत रेवेन्यू 162 रुपये थी. वहीं रिलाइंस जियो का औसत राजस्व 145 रुपये और वोडाफोन आइडिया का 119 रुपये है.
Customer की बढ़ोतरी और कमी
जुलाई से सितंबर में टेलीकॉम कंपनियों में नये Customer की बढ़ोतरी और कमी हुई है. जियो में 70 लाख और भारती एयरटेल में 1.4 करोड़ नये Customer जुड़े हैं. वहीं वोडाफोन आइडिया के 80 लाख ग्राहक कम हो गये हैं.
हालांकि वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बकाया AGR चुकाने के लिए कंपनियों को कुछ शर्तों पर 10 साल तक का समय दिया है. कोर्ट के इस फैसले से भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को काफी राहत मिली है.