Saurav Shukla
Ranchi: बढ़ते कोरोना केस के दौरान रिम्स में मरीजों की समुचित इलाज के लिए मैन पावर की जरूरत थी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सौजन्य से एचआर इंपैनल्ड एजेंसी टीएंडएम सर्विसेज कंसलटिंग लिमिटेड को मैन पावर सप्लाई की जिम्मेवारी दी गई. कंपनी के द्वारा स्टाफ नर्स (ग्रेड-ए), मल्टी परपस वर्कर, हॉस्पिटल अटेंडेंट,एनेस्थीसिया टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, स्वीपर, सैनिटरी अटेंडेंट, ट्रॉली मैन और गार्ड के लिए विज्ञापन निकाला गया.
वर्क आर्डर में कहा गया कि न्यूनतम 3 महीने के लिए इनकी नियुक्ति होगी. आवश्यकता पड़ने पर पुनः 3 माह सेवा का अवधि विस्तार किया जाएगा. साक्षात्कार के आधार पर विभिन्न चरणों पर 850 लोगों की नियुक्ति हुई. रिम्स के विभिन्न विभागों में इनसे काम भी करवाया गया, लेकिन जब वेतन भुगतान का समय आया तो रिम्स, टीएंडएम कंपनी पर वेतन भुगतान का ठीकरा फोड़ रहा है, जबकि कंपनी रिम्स के ऊपर.
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वर्क आर्डर में रिम्स ने वेतन भुगतान का किया है जिक्र
रिम्स की ओर से दिये गए वर्क ऑर्डर में वेतन के भुगतान से संबंधित जानकारी दी गयी है. वर्क आर्डर में लिखा गया है कि एजेंसी द्वारा नियुक्त कर्मियों की दैनिक उपस्थिति संबंधित प्रभारी चिकित्सक, प्रभारी परिचारिका के बाद नोडल ऑफिसर के हस्ताक्षर एवं सत्यापन के बाद बिल का भुगतान किया जाएगा. वहीं किसी परिस्थिति में रिम्स के द्वारा यदि बिल का भुगतान नहीं किया जाता है तब कंपनी को कर्मचारियों को वेतन देना होगा. लेकिन इस शर्त को टीएंडएम कंपनी ने स्वीकार नहीं किया.
स्वास्थ्य मंत्री ने एजेंसी द्वारा भुगतान की कही बात
वहीं इस मामले पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि बहाली के शुरुआती चरण में ही गड़बड़ी हुई है. रिम्स ऑटोनॉमस बॉडी है और यहां काम करने वाले सभी कर्मचारियों को मेडिकल सुपरिटेंडेंट को रिपोर्ट करना था. रिम्स सुपरिटेंडेंट ही उनकी ड्यूटी लगाते. यहां कौन, कहां काम किया है यह असमंजस की स्थिति में है. उन्होंने गरीबों के पक्ष में होने की बात कहते हुए कहा कि बकाया पैसे के भुगतान की जवाबदेही कंपनी की है.
आउटसोर्स कर्मियों की सब्र का बांध टूटा, तब सीएम आवास का घेराव करने निकले
वहीं शनिवार को आउटसोर्स कर्मचारी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले. हालांकि मोराहाबादी मैदान में पुलिस के जवानों ने उन्हें रोक दिया. आउटसोर्स कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव से बात हुई. इस संबंध में एक पत्र निर्गत किया गया. इसमें कहा गया कि इस मामले की जांच की जाएगी. जिसके बाद पुनर्विचार कर बकाया वेतन का जितनी जल्दी हो भुगतान किया जाएगा.
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